जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 53वें CJI, जानें उनके चर्चित फैसले

 
जस्टिस सूर्यकांत बनेंगे देश के 53वें CJI, जानें उनके चर्चित फैसले

नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश (CJI) नियुक्त करने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीशों में शामिल सूर्यकांत 24 नवंबर 2025 को भारत के 53वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ले सकते हैं। वर्तमान CJI गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे।

जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा और वे 9 फरवरी 2027 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष तय है। न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार, सबसे वरिष्ठ योग्य न्यायाधीश को सीजेआई नियुक्त करने की परंपरा रही है।

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जस्टिस सूर्यकांत का जीवन परिचय:
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में जन्मे सूर्यकांत एक मध्यमवर्गीय ग्रामीण परिवार से आते हैं। उन्होंने 1984 में MDU से एलएलबी की डिग्री हासिल की और अपने करियर की शुरुआत हिसार जिला अदालत से की। 38 वर्ष की आयु में वह हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता बने और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त हुए।

चर्चित केस और टिप्पणियां:
जस्टिस सूर्यकांत ने कई अहम मामलों में बेबाक और समाजपरक टिप्पणियां की हैं।

  • रणवीर अल्लाहबादिया केस में उन्होंने कहा था, “लोकप्रियता किसी को सामाजिक मर्यादाएं तोड़ने का अधिकार नहीं देती।”

  • नूपुर शर्मा केस में उन्होंने कहा था, “वह देश में जो कुछ हो रहा है, उसकी अकेली जिम्मेदार हैं।”

  • स्वाति मालीवाल केस में उन्होंने टिप्पणी की, “क्या यह मुख्यमंत्री का आवास है या किसी गुंडे का अड्डा?”

  • मोहम्मद जुबैर केस में उन्होंने कहा, “किसी नागरिक को अपनी राय रखने से रोकना असंवैधानिक है।”

इसके अलावा उन्होंने राजद्रोह कानून पर रोक, वन रैंक वन पेंशन (OROP) को संवैधानिक करार देने, बार एसोसिएशनों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण, और पेगासस जासूसी मामले की जांच जैसे अहम निर्णयों में योगदान दिया है।

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