Kanpur Bikeru Case: बिकरू कांड के आरोपी जयकांत वाजपेई को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत, 5 साल बाद जेल से रिहाई की उम्मीद

कानपुर | 2 जुलाई 2020 की रात हुए बिकरू कांड ने यूपी की कानून व्यवस्था को झकझोर दिया था। अब इस चर्चित केस में नया मोड़ आया है। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी और खजांची जयकांत वाजपेई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। जयकांत पिछले 5 वर्षों से जेल में बंद था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
2 जून 2025 को हाईकोर्ट ने अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि जयकांत को निष्पक्ष और शीघ्र सुनवाई का अधिकार है। कोर्ट ने पाया कि उसके खिलाफ सबूत कमजोर हैं और ट्रायल में देरी हो रही है। कोर्ट ने दो जमानतदारों और निजी मुचलके पर रिहाई की अनुमति दी, लेकिन चूंकि उसके खिलाफ कई अन्य केस लंबित हैं, इसलिए अभी पूर्ण रिहाई नहीं हुई है।
कौन है जयकांत वाजपेई?
जयकांत वाजपेई उर्फ जय बाजपेई, विकास दुबे के गैंग का खजांची था। पुलिस के अनुसार, उसने बिकरू कांड से पहले विकास को हथियार और कैश सप्लाई किया, साथ ही फरार होने में मदद की। जयकांत पर हत्या, गैंगस्टर एक्ट, षड्यंत्र जैसे मामलों में 80 एफआईआर दर्ज हैं। 2023 में उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
क्या हुआ था बिकरू कांड में?
2 जुलाई 2020 की रात चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में पुलिस टीम विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी। तभी विकास और उसके गुर्गों ने घात लगाकर हमला किया, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए और कई घायल हुए। इसके बाद विकास दुबे उज्जैन से पकड़ा गया और फिर कानपुर लौटते समय एनकाउंटर में मारा गया। 6 गुर्गे एनकाउंटर में ढेर हुए और 44 को गिरफ्तार किया गया।