कानपुर के महेश कुमार का अनोखा जुनून: बना डाला 130 देशों की करेंसी का कलेक्शन

 
कानपुर के महेश कुमार का अनोखा जुनून: बना डाला 130 देशों की करेंसी का कलेक्शन

कानपुर: शौक अगर जुनून में बदल जाए तो इंसान अपनी एक अलग पहचान बना लेता है। तातियागंज, कानपुर के निवासी महेश कुमार इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। पेशे से RTI एक्टिविस्ट महेश को लोग आज 'कॉइन किंग' के नाम से जानते हैं, और वजह है उनका बेमिसाल विदेशी सिक्कों और करेंसी का संग्रह।

25 साल में बना ऐतिहासिक कलेक्शन

यह सफर शुरू हुआ था 1996 में, जब एक दोस्त ने उन्हें कुछ विदेशी सिक्के गिफ्ट किए। तब से लेकर अब तक महेश ने 130 से ज्यादा देशों के सिक्के इकट्ठा कर लिए हैं। हर बार कोई रिश्तेदार या परिचित विदेश जाता, महेश उनसे सिर्फ एक चीज़ मांगते—उस देश का सिक्का।

1835 से लेकर आज तक का इतिहास

महेश के कलेक्शन में 1835 का ब्रिटिश कालीन सिक्का, 1947 का आज़ादी वाला सिक्का, और 1950 की श्रृंखला के कई विशेष सिक्के हैं। इसके अलावा लेबनान, अमेरिका, फ्रांस, पोलैंड, इटली, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों के सिक्के भी शामिल हैं।

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‘टेलीफोनिक सिक्का’ और 786786 नंबर का नोट

उनके पास एक दुर्लभ सिक्का है जिसे 'टेलीफोनिक सिक्का' कहा जाता है, जो पुराने ज़माने में विदेशी कॉल के लिए इस्तेमाल होता था। इसके अलावा उन्होंने 786786 नंबर वाला 50 रुपये का नोट भी संभाल कर रखा है, जिसे मुस्लिम समुदाय में बेहद शुभ माना जाता है।

Fossils और निब वाले पेन का भी कलेक्शन

सिर्फ सिक्के ही नहीं, महेश के पास बेल्जियम से लाया गया मछली का Fossil, और पुराने निब वाले पेन भी हैं। उनका मानना है कि हर आइटम एक कहानी कहता है, और वो उसे अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना चाहते हैं।

संग्रह की खास व्यवस्था

महेश ने अपने कलेक्शन के लिए एक विशेष अलमारी तैयार की है जिसमें एल्बम और बैग्स की मदद से हर सिक्का और नोट सुरक्षित रखा जाता है। हर आइटम के साथ उस देश का नाम भी लिखा होता है।

हर देश का सिक्का पाने का सपना

महेश की ख्वाहिश है कि एक दिन उनके पास दुनिया के हर देश का सिक्का हो। वह कहते हैं, “जब आप किसी देश नहीं जा सकते, लेकिन उसका सिक्का आपके पास होता है, तो एक खास जुड़ाव महसूस होता है।”

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