कानपुर डीएम की त्वरित कार्रवाई ने दिव्यांग छात्रा के एलएलएम सपने को दी उड़ान

 
कानपुर डीएम की त्वरित कार्रवाई ने दिव्यांग छात्रा के एलएलएम सपने को दी उड़ान
कानपुर, 2 अगस्त 2025 – रामबाग, कानपुर की निवासी श्रेया शुक्ला ने साबित किया कि दिव्यांगता महत्वाकांक्षा के आड़े नहीं आ सकती, जब उनके दृढ़ निश्चय और जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के निर्णायक हस्तक्षेप ने एक निजी विश्वविद्यालय में उनके एलएलएम दाखिले को सुनिश्चित किया। व्हीलचेयर का उपयोग करने वाली श्रेया को विश्वविद्यालय ने उनकी गतिशीलता की सीमाओं का हवाला देते हुए दाखिला देने से इनकार कर दिया था, भले ही पहले पीडब्ल्यूडी श्रेणी में लाभ और सुविधाओं का आश्वासन दिया गया था।डीसी लॉ कॉलेज से एलएलबी पूरी करने वाली श्रेया 29 जुलाई को दाखिले के लिए विश्वविद्यालय पहुँचीं, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। उनके पिता, अधिवक्ता एल.के. शुक्ला ने 30 जुलाई को जनता दर्शन में डीएम से मुलाकात कर यूजीसी दिशा-निर्देशों, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का हवाला देते हुए शिकायत दर्ज की। डीएम ने इस अन्याय को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसडीएम सदर अनुभव सिंह को विश्वविद्यालय प्रबंधन से बात करने का निर्देश दिया। प्रबंधन को याद दिलाया गया कि दिव्यांगता के आधार पर शिक्षा से वंचित करना गैरकानूनी है।डीएम की सतत निगरानी में विश्वविद्यालय ने 1 अगस्त को प्रवेश परीक्षा आयोजित की, जिसमें श्रेया ने शानदार प्रदर्शन किया। उनका दाखिला सुनिश्चित हुआ, जो समावेशिता की जीत है। श्रेया और उनके पिता ने डीएम का आभार व्यक्त किया, यह कहते हुए कि उनके हस्तक्षेप के बिना उनका एक शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो सकता था।डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, “दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए बनाए गए कानूनों का कड़ाई से पालन अनिवार्य है। कोई भी संस्था किसी छात्र को दिव्यांगता के आधार पर शिक्षा से वंचित नहीं कर सकती। ऐसे मामलों में प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।” यह मामला सभी के लिए समान शैक्षिक अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक मिसाल है।

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