कानपुर में डीएम की पहल से अनाथ बच्ची कशिश को मिला घर और सरकारी सहायता
कानपुर की 8 वर्षीय कशिश, जो अपनी मां के निधन और पिता द्वारा ठुकराए जाने के बाद अनाथ हो गई थी, अब उसे जीने का एक नया सहारा मिल गया है। जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह की संवेदनशील पहल से बच्ची को कानूनी रूप से आश्रय मिला है और सरकारी सहायता भी सुनिश्चित हो गई है।
नाना बने विधिक संरक्षक, घर अब बच्ची के नाम
कशिश की मां को वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महावीर योजना में एक फ्लैट मिला था। मां की मृत्यु के बाद बच्ची अपने नाना चंद्रभान पांडे के पास रह रही थी, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते फ्लैट उसके नाम नहीं हो पा रहा था। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
अब बाल कल्याण समिति द्वारा कशिश के नाना को विधिक संरक्षक घोषित कर दिया गया है और फ्लैट के नामांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो एक महीने के भीतर पूरी हो जाएगी।
सरकारी योजनाओं से भी जुड़ी बच्ची, अब हर महीने मिलेगा भत्ता
कशिश को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जोड़ने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इस योजना के तहत उसे 18 साल की उम्र तक हर महीने ₹2500 की आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके अलावा बच्ची का विद्यालय में नामांकन भी जल्द किया जाएगा।
डीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा है कि कोई भी बच्चा सरकारी सहयोग से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रशासन निराश्रित बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पूरी तरह संवेदनशील है।