कानपुर पुलिस का नया कदम: GPS ट्रैकिंग से हिस्ट्रीशीटरों पर 24×7 नज़र

कानपुर। अपराध नियंत्रण को स्मार्ट बनाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट ने GPS-आधारित निगरानी तंत्र की शुरुआत की है। कमिश्नर अखिल कुमार की पहल पर अब हिस्ट्रीशीटर और जिलाबदर अपराधियों की हर गतिविधि रियल-टाइम में ट्रैक की जाएगी।
अब तक पुलिसवालों को आरोपियों के घर जाकर पूछताछ करनी पड़ती थी। नई व्यवस्था से यह काम न सिर्फ तेज़ होगा, बल्कि पुलिस बल की बचत भी होगी और अपराधियों पर शिकंजा पहले से सख्त होगा।
पायलट प्रोजेक्ट से शुरुआत
पहले चरण में यह सुविधा स्वेच्छा से जुड़े चुनिंदा अपराधियों पर लागू की गई है, ताकि सुधार की राह पकड़ चुके लोगों को अनावश्यक परेशान न किया जाए, जबकि सक्रिय अपराधियों पर कड़ी निगरानी जारी रहे।
GPS ब्रेसलेट या मोबाइल-आधारित ऐप से जुड़ी यह प्रणाली जैसे ही किसी जिलाबदर या पैरोल पर छूटे अपराधी की सीमाओं में एंट्री दर्ज करती है, लोकेशन अलर्ट अपने-आप कंट्रोल रूम तक पहुंच जाता है। जरूरत पड़ने पर वीडियो कॉल से भी सत्यापन किया जा सकेगा।
तकनीकी चुनौतियां
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मोबाइल की बैटरी ख़त्म होने या डेटा न मिलने पर सिग्नल टूट सकता है।
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उपकरणों की खरीद और रख-रखाव का खर्च तय करना अभी बाकी है।
कमिश्नर अखिल कुमार ने कहा, “जब तक सभी तकनीकी पहलू दुरुस्त नहीं हो जाते, व्यवस्था पूर्ण रूप से लागू नहीं की जाएगी। लेकिन सक्रिय होने पर यह अपराध-नियंत्रण का सबसे भरोसेमंद मॉड्यूल बनेगा।”