वित्त संशोधन अधिनियम के खिलाफ पेंशनर्स और शिक्षकों का बड़ा प्रदर्शन

 
वित्त संशोधन अधिनियम के खिलाफ पेंशनर्स और शिक्षकों का बड़ा प्रदर्शन

कानपुर: वित्त संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर पेंशनर्स और शिक्षकों में भारी नाराज़गी देखी जा रही है। इसी कड़ी में सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन और शिक्षक महासंघ कानपुर के संयुक्त नेतृत्व में मंगलवार को एक बड़ा प्रदर्शन किया गया।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व बी.एल. गुलाबिया ने किया, जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह को सौंपा गया।

प्रदर्शन का कारण

आंदोलनकारी संगठनों का कहना है कि वित्त संशोधन अधिनियम 2025 के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जनवरी 2026 तक पेंशन पुनरीक्षण नहीं किया जाएगा। इससे करोड़ों पेंशनर्स और शिक्षक प्रभावित होंगे।

प्रदर्शनकारियों ने इसे आठवें वेतन आयोग की संभावनाओं पर चोट बताया और कहा कि अगर सरकार ने यह अधिनियम वापस नहीं लिया तो पूरे देश में विशाल आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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नेताओं ने क्या कहा?

  • उ.प्र. शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश बाबू पांडेय ने कहा कि "इस कानून से शिक्षक भी बुरी तरह प्रभावित होंगे, इसलिए वे भी संघर्ष में शामिल हैं।"

  • पेंशन फोरम के महामंत्री आनंद अवस्थी ने कहा कि "यह केवल केंद्र नहीं बल्कि राज्य सरकार के पेंशनर्स को भी प्रभावित करेगा।"

  • केडीए, जलकल और नगर निगम से जुड़े नेताओं ने दीनदयाल उपाध्याय योजना में पेंशनर्स को जोड़ने की मांग की।

 मौके पर मौजूद प्रमुख लोग:

बी.एल. गुलाबिया, राकेश बाबू पांडेय, आनंद अवस्थी, बेचे लाल कुशवाहा, अशोक मिश्रा, वीएन पाल, मों उस्मान अली शाह, सुनील सुमन, चंद्रहास सिंह, रविंद्र मधुर, स्नेहलता लाल, शाहजहाँ नाज़ समेत कई प्रमुख पेंशनर्स और अधिवक्ता मौजूद रहे।

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