Karnataka Assembly Election 2023: चुनाव में कांग्रेस ने किया स्थानीय नेतृत्व को आगे, जानें पार्टी की ताकत और चुनौतियां  

  
Karnataka Assembly Election 2023: चुनाव में कांग्रेस ने किया स्थानीय नेतृत्व को आगे, जानें पार्टी की ताकत और चुनौतियां  

Karnataka Assembly Election 2023 कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने कहा है कि 10 मई को कर्नाटक में मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। विधानसभा चुनावों में नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 20 अप्रैल होगी। इस बार कांग्रेस पार्टी की साख का चुनाव बन चुका है। कांग्रेस पूर्वोत्तर में मिली हार के बाद कांग्रेस के लिए कर्नाटक विधानसभा चुनाव संजीवनी साबित हो सकता है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पास मुख्य विपक्षी दल के तौर पर अपनी साख मजबूत करने का यह एक अच्छा अवसर भी है।

कांग्रेस ने किया स्थानीय नेतृत्व को आगे

अगर चुनाव में कांग्रेस के माथे जीत का सेहरा बंधता है तो यह साल के अंत में होने वाले राजस्थान मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से, पहले कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ाने वाली साबित होगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे कर्नाटक से हैं। वे दलित समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं और दलित वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस की अंदरूनी कलह को देखते हुए पार्टी आलाकमान का मजबूत होना जरूरी है और अपने गृह राज्य में पार्टी की जीत सुनिश्चित कर खरगे अपनी पकड़ मजबूत कर सकते हैं। कांग्रेस फिर स्थानीय नेतृत्व को ही आगे रखकर चुनाव लड़ रही है। पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरामय्या और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को ही आगे कर चुनाव लड़ रही है और स्थानीय मुद्दों को ही उठा रही है।

कांग्रेस के लिए ये चुनौतियां पड़ेगी भारी

  •  पार्टी के असंतुष्ट नेताओं से निपटना व अल्पसंख्यक वोटरों को एकजुट रखना चुनौती
  • लिंगायत समुदाय के बीच अपने वोट आधार का विस्तार करना अब भी कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। यह कांग्रेस की दूसरी बड़ी कमजोरी है।
  •  गुटबाजी व अंदरूनी कलह कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती है। खासकर, शिवकुमार और सिद्धरामय्या के बीच सीएम पद को लेकर चल रही खींचतान बड़ी समस्या है।

कांग्रेस की ताकत

  • मजबूत स्थानीय नेतृत्व बड़ी ताकत है।
  • शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय का नेतृत्व करते हैं, सिद्धरामय्या कुरुबा का। सिद्धरामय्या अहिंदा समीकरण
  • मल्लिकार्जुन खडगे का पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होना भी इस बार कांग्रेस के लिए एक सकारात्मक पक्ष है।
  • वे राज्य में दलित मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं। कांग्रेस स्थानीय नेतृत्व व स्थानीय मुद्दों को हवा देकर भाजपा के सामने चुनौती पेश कर सकती रही

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