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Karnataka Hijab Row : हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों को मिलेगी Y ग्रेड सिक्योरिटी, ये है वजह

 
Karnataka Hijab Row : कर्नाटक मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने रविवार को कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka HC) के तीन न्यायाधीशों, जिन्होंने कक्षाओं में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया उन्हें वाई-श्रेणी का सुरक्षा कवर मिलेगा. न्यायाधीशों को जान से मारने की धमकी देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, "हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. मैंने अधिकारियों को शिकायत की गहनता से जांच करने का निर्देश दिया है, जिसमें कुछ लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी." https://twitter.com/ani_digital/status/1505445837165699072 हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के तीन पदाधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है. टीएनटीजे ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ मदुरै के कोरिपालयम इलाके में एक जनसभा आयोजित की थी. इसके तुरंत बाद, टीएनटीजे पदाधिकारियों के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि आयोजकों ने उन न्यायाधीशों को धमकी दी जिन्होंने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को प्रतिबंधित करने के पक्ष में फैसला सुनाया. इस सप्ताह की शुरुआत में उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक नहीं है जो कि राज्य सरकार के आदेश के अनुरूप है जो कक्षाओं में हेडस्कार्फ़ (हिजाब ) पहनने पर प्रतिबंध लगाता है, जिसको लेकर विरोध शुरू हो गया था. कर्नाटक शिक्षा अधिनियम के तहत शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म निर्धारित करने के राज्य के अधिकार को बरकरार रखते हुए,अदालत ने घोषित किया था कि छात्रों के लिए ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य है. इस आदेश को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसमें होली की छुट्टी के बाद याचिकाओं पर सुनवाई होने की संभावना है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने सुनवाई के दौरान कहा, "हमें कुछ समय दें... हम होली की छुट्टी के बाद इसे देखेंगे." राज्य सरकार के 5 फरवरी के कार्यकारी आदेश \को लेकर राज्य भर में और बाद में देश भर के कई अन्य शहरों में बड़े पैमाने पर मुस्लिम पक्ष द्वारा विरोध प्रदर्शन हुआ था. अपने 129 पन्नों के फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि कुरान मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं करता है और पोशाक अधिक से अधिक सार्वजनिक स्थानों तक पहुंच प्राप्त करने का एक साधन है और सामाजिक सुरक्षा का उपाय है लेकिन अपने आप में एक धार्मिक अनिवार्यता नहीं है.

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