Khalistani Protests In Vancouver: वैंकूवर में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं ने जलाया भारतीय ध्वज, क्या ट्रूडो भारत के साथ राजनयिक संबंध तोड़ेंगे?
Khalistani Protests In Vancouver: 18 अक्टूबर 2024 को वैंकूवर, कनाडा में खालिस्तानी कार्यकर्ताओं के विरोध ने विवादित रूप ले लिया, जब प्रदर्शनकारियों ने भारतीय ध्वज का अपमान किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया। यह कदम खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों का विरोध प्रदर्शित करता है, जो एक अलग सिख राज्य की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की ट्रूडो से अपील: भारत के कांसुलेट्स बंद करो
प्रदर्शनकारियों ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से भारतीय कांसुलेट्स बंद करने की मांग की। यह मांग दोनों देशों के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और गहरा करती है। खालिस्तानी समर्थक लंबे समय से भारतीय सरकार पर सिखों के खिलाफ दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा, "हम चुप नहीं बैठ सकते, जब हमारे लोग पीड़ित हो रहे हैं।"
राजनयिक संबंधों पर दबाव बढ़ा
INTENSE: Khalistan separatists mobbed Modi’s effigy, desecrated flags in Vancouver, and demanded that Trudeau shut down all Indian consulates.
— Mocha Bezirgan 🇨🇦 (@BezirganMocha) October 18, 2024
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इस विरोध प्रदर्शन ने कनाडा और भारत के बीच पहले से ही खराब चल रहे संबंधों को और बिगाड़ दिया है। भारतीय सरकार ने पहले ही कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों पर आपत्ति जताई है। भारत इस मुद्दे पर कनाडा से कड़े कदम उठाने की मांग कर सकता है, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और राजनीतिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना के प्रति लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। भारत समर्थकों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कनाडा में ऐसे विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाने की मांग की। वहीं, कुछ कनाडाई नागरिकों ने सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए।
निष्कर्ष: कनाडा-भारत संबंधों का भविष्य
वैंकूवर में खालिस्तानी प्रदर्शन से यह स्पष्ट हो गया है कि सिख प्रवासियों और भारतीय सरकार के बीच तनाव जारी है। अब दुनिया की नजरें कनाडा सरकार पर हैं कि वह इस मुद्दे से कैसे निपटती है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देश इस चुनौतीपूर्ण स्थिति को कैसे संभालते हैं।