लखीमपुर खीरी केस: एक दो नहीं ना जाने कितने नोटिस भेजे गए, ना इंदिरा गांधी आईं और ना संजय गांधी

 
लखीमपुर खीरी केस: एक दो नहीं ना जाने कितने नोटिस भेजे गए, ना इंदिरा गांधी आईं और ना संजय गांधी

लखीमपुर खीरी केस - आशीष मिश्रा आज नहीं पहुंचा। सवाल लाजिमी है। एक सवाल महीनों से ऐसे नोटिस पा रहे महाराष्ट्र के फरार पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को लेकर भी होना चाहिए।

रही बात पेश होने की तो आज एक कहानी याद आ गई। आपको याद होगा सीएम रहते हुए मोदी जी से SIT ने 9 घंटे पूछताछ की थी। ऐसी ही एक पूछताछ इंदिरा गांधी से होनी थी, इमरजेंसी में ज्यादतियों की जांच के लिए आयोग बना था - शाह आयोग।

सारे नेता जेल में ठूंस दिए, जेपी को दवाई नहीं दी, डायलिसिस पर चले गए, फिर बचे नहीं। दिल्ली के उप राज्यपाल किशन लाल की लाश कुएं में मिली। जॉर्ज फर्नांडीज के भाई को इतना टॉर्चर किया कि पागल होते होते बचा।

उनकी एक्ट्रेस दोस्त स्नेहलता रेड्डी को तब जेल से छोड़ा जब वो मरने वाली थी। विनोबा भावे के सहयोगी प्रभाकर शर्मा को सुसाइड पर मजबूर किया गया, अलवर के राजा प्रताप के परिवार को महल में सील कर दिया गया, राजा को सुसाइड करनी पड़ी।

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गायत्री देवी को तिहाड़ में कैद कर दिया, महीनों रेड चलती रही। दिल्ली में ही 17000 दुकानें और सैकड़ों घर तोड़ दिए गए। नसबंदी जबरन करवाने के लिए फायरिंग तक हुई। इमरजेंसी पर साइन करने वाले राष्ट्रपति फखरुद्दीन रात में इंदिरा जी के कॉल के बाद कैसे अचानक मर गए।

पता ही नहीं चला.. अनगिनत अत्याचारों की दास्तां है। एक दो नहीं ना जाने कितने नोटिस भेजे गए। ना इंदिरा गांधी आईं और ना संजय गांधी।

https://youtu.be/NsAUy1mMNXM

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