भगवान श्री राम के चरित्र से सीखें ये गुण
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हरि विष्णु के सातवें अवतार है. इन्हें श्री राम और श्री रामचंद्र अनेक नामों से भी जाना जाता है. यह बाल्मीकि द्वारा लिखित रामायण के मुख्य नायक हैं. इन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी वेदों और मर्यादा का पालन करते हुए, एक अच्छे राज्य की स्थापना की. इन्होंने अपने जीवन की सभी खुशियों से समझौता करके, हमेशा सत्य का साथ दिया. भगवान श्री राम को आदर्श व्यक्ति के रूप में जाना जाता है. भगवान राम ने अपने पूरे जीवन में कभी भी मर्यादा नहीं तोड़ी, इसलिए इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. भगवान श्री राम की पूजा अर्चना सभी करते ही हैं, लेकिन इनके गुणों का पालन करना कोई नहीं चाहता. यदि आप इनके गुणों के आधार पर चलते हैं तो आपका जीवन सुखी सरल और सफल हो जाएगा. श्री राम के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. आइए जानते हैं भगवान श्रीराम के जीवन से सीखने योग्य बातें -
भगवान श्री राम के गुण
-भगवान का विशेष गुण सहनशीलता व धैर्य माना जाता है. राजा होते हुए भी उन्होंने जंगलों में सन्यासी की तरह दिन बिताए. उन्हीं की तरह हमें भी धैर्यवान बनना चाहिए.
-सभी के प्रति दया भाव रखना चाहिए.
-मित्रता को इमानदारी और सच्चे दिल से लगाना चाहिए.
-सभी को साथ लेकर चलना चाहिए. किसी के मन को ठेस नहीं पहुंचाना चाहिए.
-भाइयों के साथ प्रेम और दया का भाव का व्यवहार रखना चाहिए.
-अपने ज्ञान, बुद्धि, काबिलियत का गलत फायदा नहीं उठाना चाहिये.
-जीवन में मर्यादा और अनुशासन को बनाए रखना अति आवश्यक है.
-किसी भी कार्य करने से पहले योजना बनानी चाहिए. योजनाबद्ध कार्य हमेशा पूर्ण होता है.
-सभी से प्रेम पूर्वक बात करनी चाहिए.
-लोगों से हंसते मुस्कुराते मिलना चाहिए.
-हमेशा सत्य बोलना और सत्य का साथ देना चाहिए.
-लोगों को उनके नाम से ही संबोधित करना चाहिए. गलत शब्द का प्रयोग बिल्कुल भी मिलना चाहिए.
-अपनी बात को बोलने से पहले दूसरे की बातों को ध्यान पूर्वक और धैर्य के साथ सुनना चाहिए.
-अपनी गलती को शीघ्र ही मान लेना चाहिए.
-दूसरे के विचारों का सम्मान करना चाहिए.
-अपनी बातों और विचारों को जबरदस्ती नहीं मनवाना चाहिए.
यदि आप इन बातों को अपने जीवन में उतारते हैं तो आपका जीवन सुखी, सरल बन जाएगा.
जरूर पढ़े:-
सनातन धर्म में पूजा के दौरान प्रयोग होने वाले पंचामृत का महत्व