लखनऊ: नगर निगम में ‘IAS बनाम मेयर’ टकराव बढ़ा, शासन तक पहुंचा मामला
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर आयुक्त गौरव कुमार और महापौर सुषमा खर्कवाल के बीच चल रहा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। मेयर द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यह मामला अब शासन स्तर तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी नगर निगम की हालत पर नाराजगी जताते हुए उसे मजाक में “नरक निगम” कह रहे हैं।
ईमानदारी पर विवाद की जड़
सूत्रों का कहना है कि इस पूरे विवाद की वजह नगर आयुक्त गौरव कुमार की सख्त कार्यशैली और ईमानदार छवि है। गौरव कुमार नियमों के अनुसार काम करने के लिए जाने जाते हैं, जिससे नगर निगम के कई ठेकेदार और अधिकारियों के हित प्रभावित हुए हैं। मेयर और आयुक्त के बीच टकराव का केंद्र भी यही रहा — कार्यप्रणाली और अधिकारों की सीमाएं।
4 घंटे चली बैठक, नतीजा शून्य
हाल ही में हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में भी दोनों के बीच अधिकारों और निर्णय प्रक्रिया को लेकर तीखी बहस हुई। चार घंटे तक चली बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। दोनों पक्ष अपने-अपने रुख पर अड़े रहे।
अब मामला शासन के पाले में है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस टकराव को कैसे सुलझाती है — क्या कोई समझौता होगा या किसी अधिकारी का तबादला तय है।