Madhya Pradesh Assembly Election 2023: इन नेताओं को उम्मीदवार बनाकर दिग्गजों के अरमान केंद्रीय नेतृत्व ने किए ठंडे

 
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023: एमपी में चुनावी बिगुल बज चुका है। प्रतिष्ठया का चुनाव बन चुका मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली लिस्ट जारी हो चुकी है। कांग्रेस इस बार फिर लिस्ट जारी करने में पिछड़ गयी और भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने फिर से एक संदेश देकर स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी कमान भाजपा का अपने हाथ में रखेगा। मध्यप्रदेश की जिन 39 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है उसके कई सियासी मायने भी हैं। जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पहला ज्योतिरादित्य सिंधिया की बात को तवज्जो दी गई है। 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिया था सुझाव 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ दिन पूर्व भोपाल में अमित शाह की मौजूदगी में पिछले चुनाव में हारी सीटों पर जल्दी से जल्दी लिस्ट जारी करने का जो सुझाव दिया था उस पर अमल किया गया। इस पूरी लिस्ट में मप्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जिन 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है ये सभी वो सीटें है जहां वर्तमान में कांग्रेस का होल्ड है। साथ ही पिछले विधानसभा में जब कांग्रेस में थे तब सिंधिया ने इन पिछोर सीट से प्रीतम लोधी को टिकट देकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को भी साधने का प्रयास किया गया है। साथ ही इस चर्चा पर विराम लगभग थम गया है कि विधानसभा का टिकट अब उमा भारती को ये मिलेगा। जिसमें पूर्व में उन्होंने चुनाव लड़ने रो की बात कही थी। 

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दिग्गजों के अरमान केंद्रीय नेतृत्व ने किए ठंडे

भोपाल उत्तर से आलोक शर्मा और भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह को टिकट देकर कई दिग्गजों के अरमान केंद्रीय नेतृत्व ने ठंडे कर दिए हैं। भोपाल की 7 मेसे ये दोनों ही सीटें चर्चा का विषय थीं जिन पर न रोज नए पुराने उम्मीदवार अपने-अपने दावे कर रहे थे। । इन दोनों को टिकट मिलना है मतलब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को विश्वास में लाना। दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। मालवा की सीटों पर अपनी मजबूत पकड़ करने के लिए जिस प्रकार भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सम्मलेन और दौरे कर रहा है उससे साफ संकेत हैं कि दूसरी लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय के मंशानुरूप नए उम्मीदवारों को नयी पारी खेलने का मौका मिल सकता है। 

कांग्रेस फिर पिछड़ी 

भाजपा की इस पहली लिस्ट का अचानक लाने का एक और प्रमुख कारण कार्यकर्ताओ के असंतोष को पहचानना भी है, ताकि डैमेज कंट्रोल हो सके। परन्तु ये तय है फाइनल लिस्ट आते-आते इस पहली लिस्ट में कुछ नाम जरूर बदलेंगे, जो कि भाजपा की हमेशा से अचानक चौंकाने वाले निर्णय की तरह साबित होगा। कांग्रेस के लिए अब फिर एक और चुनौती इसलिस्ट के जारी होते ही खड़ी हो गई है। वो लगातार राजनीतिक दांव-पेंच में पिछड़ते हुए फिर से अभी तक उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की देरी और पिछड़ता चुनावी मैनेजमेंट जबलपुर में प्रियंका गांधी के दौरे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने एक प्रेस वार्ता में उम्मीदवारों की पहली सूची जुलाई अंत तक जारी करने की घोषणा की थी, परन्तु भाजपा, कांग्रेस की जीती हुई सीटों पर पहली लिस्ट जारी करके इस बार कांग्रेस के हर दांव को अपना बनाने की रणनीति अपनाती जा रही है। कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस को भाजपा की दूसरी लिस्ट आने से पहले अपनी पहली लिस्ट जल्दी ही जारी करना होगा ताकि कार्यकर्ताओं को अभी से अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए समय मिल सके।


 

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