Madhya Pradesh Assembly Election:हाईप्रोफाइल सीटों पर टिकट के लिए कद्दावर नेता लगा रहे जोर, बदल सकते हैं टिकट
Madhya Pradesh Assembly Election: विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की खोज में जुटी भाजपा के सामने सूबे की कई सीटे परेशानी का सबब बनी हुई हैं। इनमें से कुछ सीटें हाईप्रोफाइल हैं, जहां एक नहीं कई कद्दावर नेता दावेदार हैं। इन सीटों में राजधानी की तीन विधानसभा सीटें भी शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो हुजूर, बैरसिया और दक्षिण- पश्चिम में इस बार प्रत्याशियों के चेहरे बदले हो सकते हैं।गौरतलब है कि भाजपा हारी हुई सीटों को आकांक्षी मानकर वहां पहले अपने उम्मीदवार तय करने में जुटी है। इसी प्रयास में 39 प्रत्याशियों के नामों की सूची भी जारी हो चुकी है। शेष 64 सीटों के लिए प्राथमिकता के साथ प्रत्याशियों के नामों पर मंथन किया जा रहा है। पिछले दो दिनों से प्रदेश मुख्यालय में शीर्ष नेतृत्व इस काम में जुटा हुआ है। इनमें भोपाल की दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट भी शामिल है। सूत्रों की मानें तो यहां से प्रदेश उपाध्यक्ष राहुल कोठारी, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता सहित कुछ और बड़े नेता टिकट के लिए दमखम लगाए हुए हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी यहां से किसी नए चेहरे को मैदान में उतरना चाहती है। ऐसे में हो सकता है कि हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा को दक्षिण पश्चिम से टिकट देकर मैदान में उतारा जाए। यदि ऐसा होता है, तो हुजुर से पार्टी को नया उम्मीदवार तय करना होगा। ऐसी भी चर्चा है कि पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता उन्हें टिकट नहीं । मिलने की स्थिति में अपनी बेटी कृति गुप्ता को चुनाव लड़वाना चाहते हैं।
बदल सकते हैं उम्मीदवारों के टिकट
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि यदि हुजूर से रामेश्वर शर्मा दक्षिण-पश्चिम शिफ्ट होते हैं, तो फिर वहां से प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी का दावा पक्का बनता है। हालांकि पार्टी हुजूर में वर्तमान विधायक रामेश्वर शर्मा की पकड़ को अनदेखा नहीं करना चाहती, लेकिन पार्टी को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं इस बार सिंधी वोट रामेश्वर के खिलाफ न चला जाए। दरअसल हुजूर में सिंधी, पाटीदार और मीणा वोट लगभग बराबर हैं इनमें से यदि किसी एक वर्ग की नाराजगी सामने आती है, तो नए समीकरण सामने आएंगे और इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है। भाजपा इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और वहां के प्रमुख वोट बैंक को ध्यान में रखकर ही उम्मीदवार का नाम तय करने की कोशिश में लगी हुई है।
बैरसिया से किशन सूर्यवंशी का नाम आ रहा सामने
इधर खबर यह भी है कि भोपाल की बैरसिया से इस बार विधायक विष्णु खत्री का भी टिकट बदल सकता है। यहां से नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित कुछ और नाम सामने आ रहे हैं। यहां से पूर्व विधायक ब्रम्हानंद रत्नाकर के नाम की भी चर्चा है। हालांकि रत्नाकर पिछला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ने की वजह से पार्टी से निष्कासित हैं। उनकी वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
कमलनाथ ने साथा बीजेपी पर निशाना
भाजपा से रिश्ता तोड़ने वाले कई वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्हें पूर्व सीएम कमलनाथ ने सदस्यता दिलाई। इस मौके पर नाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में नेताओं का कांग्रेस से जुड़ना प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है। नाथ ने कहा कि पिछले एक साल से लगातार भाजपा के कार्यकर्ता और नेता बड़ी तादात में कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मध्य प्रदेश की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है। तीन महीने बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत तय है। मध्य प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि वह शिवराज सरकार के 18 साल के कुशासन को उखाड़ फेंकेगी। आज यहां उमड़ा जनसैलाब इस बात का प्रमाण है। शिवराज सरकार प्रचार अत्याचार और भ्रष्टाचार पर टिकी हुई है। सरकार 'पैसा दो काम लो' के सिद्धांत पर चल रही है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस में शामिल हुए नीरज शर्मा राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी विधानसभा से कांग्रेस की टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं।