महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध हालत में हुई मौत, सीएम योगी बोले-'अपराधी को नहीं जाएगा बख्शा'
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की संदिग्ध हालत में मौत होने से हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि उनका शव एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि उन्होंने आत्महत्या की है. क्योंकि घटनास्थल से एक सुसाइट नोट भी बरामद हुआ है. जिसमें कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं. वहीं योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का सच जल्द ही सामने लाने की बात कही है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ से प्रयागराज पहुंचकर महंत के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रदांजलि दी है. साथ ही उन्होंने कहा है कि 'कल पोस्टमॉर्टम किया जाएगा. अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा. फिर उन्होंने कह कि इस पूरे मामले में महंत की संदिग्ध मौत से पहले जिन जिन लोगों से बात हुई है उन सभी के फोन नंबर निकालकर पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. महंत नरेंद्र गिरि की मोबाइल पर कई अहम सुराग भी मिले हैं, जिसकी जांच चल रही है.
एडीजी एलएंडओ प्रशांत कुमार का कहना है कि (शिष्य) आनंद गिरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसका नाम महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सुसाइड नोट में भी है. जांच की जा रही है. आनंद गिरी को उसी दिन पुलिस हिरासत में लिया गया था.
ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि देश में संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि की सोमवार शाम प्रयागराज में संदिग्ध हालत में मौत हो गई है. उनका शव अल्लापुर में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में मिला है. इसके अलावा घटनास्थल से पुलिस को आठ पेज का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. आइजी केपी सिंह के अनुसार सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि, आद्या तिवारी और उसके बेटे पर परेशान करने का आरोप लगाया है.
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