Manipur:में कुकी संगठनों से जुड़ीं महिलाओं ने नेशनल हाईवे जाम किया, सेना का रास्ता रोका, जवानों को किया एयरलिफ्ट

Manipur: आदिवासी इलाकों में अलग प्रशासन की मांग को लेकर कुकी महिलाओं का नेशनल हाईवे नंबर 102 पर चल रहा जाम रविवार को चौथे दिन भी जारी रहा। विभिन्न कुकी संगठनों से जुड़ी हजारों महिलाओं ने टेंग्नोउपाल में सेना के दस वाहनों को मोरेह नहीं जाने दिया। सैनिकों को एयरलिफ्ट कर मोरेह भेजना पड़ा। एनएच 102 इंफाल को म्यांमार सीमा से सटे मोरेह से जोड़ता है। कुछ दिन पहले म्यांमार से मणिपुर में 718 अवैध प्रवासी इसी - मार्ग से घुसे थे। सरकार अवैध प्रवासियों की बायोमेट्रिक गणना करा रही है। आदिवासी संगठनों का कहना है कि बायोमेट्रिक गणना के नाम पर सरकार कुकी आदिवासियों के मोरेह शहर में मैतेई समुदाय के सुरक्षाबलों की तैनाती कर रही है। इधर, विष्णुपुर में फिर हिंसा भड़क गई। क्वाक्ता गांव में कुकी-मैतेई समुदाय के लोगों में फायरिंग से 9 साल की छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई।
इंडिया गठबंधन बोला- हालात भयावह
विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के 21 सांसदों का दल रविवार को मणिपुर से दिल्ली लौटा। दल में शामिल कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वहां हालात बेहद भयावह हैं। सरकार समुदाय के बीच अविश्वास की खाई को भरने के लिए कोई काम नहीं कर रही है। टीएमसी की सुष्मिता देव ने कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को इस्तीफा देना चाहिए।
जातीय हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर
तीन मई को मणिपुर में आदिवासी एकता रैली निकाली गई। इसी दिन से राज्य जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। हिंसा के चलते 160 से अधिक लोग मारे गए हैं। हजारों घरों को जला दिया गया है और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं का नग्न परेड कराए जाने की घटना घटी थी। पिछले दिनों इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया। इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है। संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष द्वारा हंगामा किया जा रहा है। इसी मामले में विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया है।
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