Manipur Vidhan Sabha: मणिपुर में हिंसा के 119 दिन! अब तक 160 मौतें, आज से विधानसभा का सत्र

 
manipur vidhan sabha

Manipur Vidhan Sabha: मणिपुर में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। 119 दिनों से जारी हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच राज्य सरकार की मांग पर आज विधानसभा का एक दिन का सेशन होगा।CM एन बीरेन सिंह ने 21 अगस्त को राज्यपाल अनुसुइया उइके को सत्र शुरू करने की सिफारिश की थी। 22 अगस्त को राजभवन ने अधिसूचना जारी कर दी। संविधान के आर्टिकल 174 (1) के मुताबिक, किसी भी सदन में दो सत्रों में छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं होना चाहिए। मणिपुर में पिछला सत्र मार्च में हुआ था। ऐसे में छह महीने की डेडलाइन सितंबर में खत्म हो रही थी।

दो मंत्रियो समेत 10 विधायकों का बहिष्कार का ऐलान

सेशन का दो मंत्रियों समेत 10 विधायकों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए बहिष्कार का ऐलान किया है। ये सभी आदिवासी कुकी समुदाय से आते हैं। इनमें एलएम खौटे, नगुर्सांगलुर सनाटे, लेटपाओ हाओकिप, लेटजमंग हाओकिप, पाओलीनलाल हाओकिप, वुंगजागिन वाल्टे, हाओखोलेट किपगेन (निर्दलीय), किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग (KPA), चिनलुंगथांग (KPA) के विधायक हैं। हालांकि CM बीरेन सिंह ने उन्हें पूरी सिक्योरिटी मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।

WhatsApp Group Join Now

संसद के मानसून सत्र में मणिपुर पर हुई थी चर्चा

20 जुलाई से 11 अगस्त तक चले संसद के मानसून सत्र में मणिपुर का मुद्दा उठा था। मणिपुर पर चर्चा के लिए 26 जुलाई को विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी I.N.D.I.A ने अविश्वास प्रस्ताव दिया। यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई लेकर आए थे। 8 से 10 अगस्त तक इस पर बहस हुई।

देश की 4 राज्यों की विधानसभा मेंउठा मुद्दा

मणिपुर मुद्दे को लेकर सिर्फ संसद ही नहीं देश के अन्य राज्यों की विधानसभाओं में भी चर्चा हुई। 18 अगस्त को दिल्ली विधानसभा में मणिपुर हिंसा पर निंदा प्रस्ताव लाया गया। जिसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।उत्तर प्रदेश विधानसभा में मॉनसून सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ शुरु हुई थी। सत्र की शुरुआत के पहले दिन 7 अगस्त को सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मुद्दों को लेकर सदन में सार्थक चर्चा करने के लिए विपक्ष को साथ आने की अपील की। लेकिन अखिलेश यादव ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की।पश्चिम बंगाल विधानसभा ने 31 जुलाई को मणिपुर में हिंसा की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने विधानसभा सत्र के दूसरे चरण में सदन में प्रस्ताव पढ़ा। प्रस्ताव पर बोलते हुए CM ममता बनर्जी ने हिंसाग्रस्त राज्य में स्थिति से निपटने में भाजपा और केंद्र सरकार की भूमिका की निंदा की। झारखंड विधानसभा में भी 31 जुलाई को मणिपुर पर हंगामा हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो के सदन में आसन ग्रहण करते ही झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव ने मणिपुर का मामला उठाया। जिस पर बीजेपी विधायकों ने ऐतराज जताया।

Tags

Share this story