Manipur Violence: हिंसा को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष ने रखी सीएम बदलने की मांग
Manipur Violence: मणिपुर में पिछले 50 दिनों से लगातार हिंसा जारी है और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी थमने का नाम नही ले रही है. इस दौरान सैंकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और घायल हुए है.इसी बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुद्दे की संवेदनशीलता को देखते हुए 24 जून को सभी दलों की बैठक बुलाई . ये बैठक संसद में 3 घंटे तक चली और बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), राजद (RJD), वामदलों समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया.
बैठक के शुरू में गृह मंत्रालय की ओर से शांति स्थापित करने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. वहीं कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर जनता का भरोसा नहीं होने का हवाला देते हुए उन्हें हटाने की मांग की. वहीं, कांग्रेस पार्टी की ओर से बैठक में गए मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री इबोबी सिंह औऱ कांग्रेस नेता जयराम रमैश ने कहा कि इस तरह कि बैठक मणिपुर में की जानी चाहिए थी.
राजद सांसद मनोज झा के मुताबिक, सर्वदलीय बैठक में खुले मन से बातचीत हुई और तमाम दलों ने अपनी राय दी. "खुले मन से बात हुई हम सबने अपनी राय रखी। वहां की राजनीतिक नेतृत्व में (लोगों का) अविश्वास है और यह बात सारे विपक्षी दलों ने रखी. हमने कहा कि जो इंसान प्रशासन चला रहा है उसमें कोई विश्वास नहीं है अगर आपको शांति बहाल करनी है तो आप ऐसे व्यक्ति के रहते नहीं कर सकते".
डीएमके सांसद ने साधा प्रधानमंत्री पर निशाना
डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि हमने मणिपुर को लेकर अपनी चिंताएं रखी हैं। 100 लोग मारे गए हैं और करीब 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं।डीएमके सांसद ने कहा, "इस पर सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द तक नहीं कहा. वहां की स्थिति का अच्छे से पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजना चाहिए. गृह मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है".
सोनिया गांधी ने की शांति की अपील
मणिपुर के मौजूदा हालात को देखते हुए कांग्रेस पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी ने भी लोगों से शांति बहाल करने की अपील की है. उन्होंने मणिपुर हिंसा को राष्ट्र की आत्मा पर गहरा आघात बताते हुए कहा कि इसे पिछले 50 दिनों से चल रही मानवीय त्रासदी से हजारों घर उजड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि मणिपुर में अलग - अलग जाति के लोगों को गले लगाकर खुशी से रहने की क्षमता है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही मणिपुर इस त्रासदी से उभर जाएगा.
क्या है पूरा मामला (Manipur Violence)
मणिपुर में पिछले 50 दिनों से मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा जारी है. बता दें कि मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जाति का दर्जा मांगे जाने पर अन्य पहाड़ी जिलों में इसके विरोध में जनजातिय एकजुटता मार्च का आयोजन किया था जिसके चलते पहली बार 3 मई को दोनों समुदायों के बीच झड़प हुई थी. 3 मई के बाद अब तक लगातार हिंसा जारी है और इस दौैरान 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है तथा 310 लोग घायल हुए हैं.
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