Manipur Violence: फ्लैग मार्च और अमित शाह की बैठक, मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार की सक्रियता

 
anipur Violence: फ्लैग मार्च और अमित शाह की बैठक

Manipur Violence: हालिया हिंसा के बाद केंद्र सरकार मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए लगातार प्रयासरत है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की, जबकि इंफाल में भारतीय सेना और असम राइफल्स ने फ्लैग मार्च निकाला। इस प्रयास का उद्देश्य स्थानीय निवासियों के बीच विश्वास बहाल करना है।

तनावग्रस्त क्षेत्रों में फ्लैग मार्च

भारतीय सेना और असम राइफल्स ने इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, और थौबल जिलों के प्रमुख स्थानों पर फ्लैग मार्च किया। इनमें संजेनथोंग, खुरई लामलोंग ब्रिज, थोंगजू ब्रिज, कांगला वेस्टर्न गेट जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

कर्फ्यू के कारण सड़कें सुनसान रहीं और वाहन आवाजाही बेहद कम देखी गई। मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है।

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अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक

दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति की समीक्षा के लिए उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में गृह मंत्रालय (पूर्वोत्तर प्रभाग), केंद्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो (IB) निदेशक, रॉ प्रमुख, और सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद थे।

बैठक में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संवाद के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर भी चर्चा हुई।

मणिपुर में हालिया घटनाक्रम

हिंसा और तोड़फोड़: रविवार को एक उग्र भीड़ ने इंफाल में बीजेपी विधायक कोंगखाम रोबिंद्रो के पैतृक घर पर हमला किया। शनिवार को भी कई विधायकों और मंत्रियों के घरों पर तोड़फोड़ की गई, और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
इंटरनेट प्रतिबंध: हिंसा को देखते हुए राज्य के छह जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी है।

राजनीतिक तनाव और एनपीपी का समर्थन वापसी

नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), जो मणिपुर सरकार की सहयोगी पार्टी है, ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार पर संकट का समाधान करने में असफल रहने का आरोप लगाया है।

शांति बहाली के लिए सरकार की प्रतिबद्धता

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में शांति सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने मणिपुर के बिगड़ते हालात को देखते हुए अपना महाराष्ट्र दौरा भी रद्द कर दिया।

यह क्यों महत्वपूर्ण है?

मणिपुर की हिंसा राज्य में गहराई तक फैली हुई जातीय और सामुदायिक तनावों को उजागर करती है। सरकार की शांति बहाली और समुदायों के बीच विश्वास बहाल करने की क्षमता इस क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
 

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