Manipur Violence: मणिपुर सरकार ने उपद्रवियों को गोली मारने का दिया आदेश, इस वजह से हुई हिंसा
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा को देखते हुए सरकार ने बड़ा आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक, उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मणिपुर सरकार ने गुरुवार को आदिवासियों और मेइती समुदाय के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए अत्यधिक गंभीर मामलों में उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया है। राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जब समझाना-बुझाना, चेतावनी और उचित बल का प्रयोग की सीमा पार हो गई हो और स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सके, तो देखते ही गोली मारने का सहारा लिया जा सकता है।अधिसूचना राज्य सरकार के आयुक्त (गृह) के हस्ताक्षर हैं। अधिसूचना आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 के प्रावधानों के तहत जारी की गई है।
इस वजह से भड़की
हिंसामार्च का आयोजन मणिपुर हाईकोर्ट की ओर से पिछले महीने राज्य सरकार को मेइती समुदाय द्वारा एसटी दर्जे की मांग पर चार सप्ताह के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहने के बाद किया गया। पुलिस ने बताया कि चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में मार्च के दौरान हथियार लिए हुए लोगों की एक भीड़ ने कथित तौर पर मेइती समुदाय के लोगों पर हमला किया। जवाबी कार्रवाई में भी हमले हुए। इस वजह से पूरे राज्य में हिंसा भड़क गई।
9,000 से अधिक लोग विस्थापित
नगा और कुकी आदिवासियों की ओर से आदिवासी एकजुटता मार्च निकालने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई थी। हालात रात में और गंभीर हो गए थे। राज्य की 53 फीसदी आबादी वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं।
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