MP Election 2023: विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे कैलाश विजयवर्गीय, मंच पर बोले मैं बड़ा नेता जनता के कौन हाथ जोड़े
MP Election 2023: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इंदौर एक नंबर क्षेत्र से टिकट मिला है। कैलाश विजयवर्गीय ने क्षेत्र में हुई अपनी पहली सभा में ही यह कहकर सबको चौंका दिया कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। वे अंदर से खुश नहीं हैं। वे अब जनता के हाथ भी नहीं जोड़ना चाहते। अब उनके बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं दूसर ओर कांग्रेस ने भी उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा है कि कैलाश के अंदर इतना अहंकार है कि जिस जनता ने उन्हें कैलाश से कैलाश जी बनाया अब वह उस जनता के हाथ नहीं जोड़ना चाहते। कैलाश विजयवर्गीय के बयान के बाद राजनीतिक तबकों में यह भी चर्चा है कि अगर कैलाश चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे तो क्या उन्हें भाजपा संगठन ने उनकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती टिकट दिया है।
#WATCH | On being named BJP candidate from Indore-1 assembly constituency for upcoming Madhya Pradesh polls, Kailash Vijayvargiya says, "I didn't have even 1% wish to contest elections. I had only planned to attend public meetings...I still can't believe I have been given a… pic.twitter.com/XClLauKzb7
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) September 27, 2023
कैलाश विजयवर्गीय बोले- अंदर से खुश नहीं हूं
कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा गणपति पर हुई सभा में कहा कि मैं अंदर से खुश नहीं हूं, सच कह रहां हूं, इसलिए की मेरी चुनाव लड़ने की इच्छा ही नहीं थी। एक माइंड सेट होता है ना लड़ने का, मुझे अभी भी विश्वास नहीं है कि मुझे टिकट मिल गया और मैं उम्मीदवार बन गया। अब हम बड़े नेता हो गए… अब जाना भाषण देना और निकल जाना… यह सोचा था हमने तो… अब हाथ जोड़ने कहां जाएं? हमने तो प्लान बनाया था कि रोज 8 सभा करना है, पांच हेलीकॉप्टर से और तीन कार से सभा करना है पूरे चुनाव में … विजयवर्गीय ने कहा कि विधानसभा एक का चुनाव एक एक कार्यकर्ता को लड़ना है। आप सभी कैलाश विजयवर्गीय हो और हर एक घर पर आपको दस्तक देना है। कार्यकर्ता क्या चाहता है यह मैं जानता हूं, क्योंकि मैं एक जमीनी कार्यकर्ता रहा हूं, कार्यकर्ता चाहता है मान और सम्मान।
क्या बेटे का करियर खत्म होने से दुःखी हैं कैलाश?
राजनीतिक तबकों में चर्चा है कि कैलाश राष्ट्रीय राजनीति में जाने के बाद बड़े पद की आस में थे। यह बात खुद उन्होंने मंच से भी कही कि वे अब बड़े नेता हैं और चुनाव नहीं लड़ना चाहते। पिछले विधानसभा चुनाव में बेटे आकाश विजयवर्गीय को विधायक बनाने के लिए उन्होंने पूरी ताकत लगाई। आकाश के पांच साल के कार्यकाल के दौरान भी वे हर वक्त बेटे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे और कई मुश्किलों से उसे बचाया। आकाश खुद इस बार भी पूरे दमखम से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। अब चूंकि कैलाश को भाजपा संगठन ने टिकट दिया है तो यह लगभग तय हो चुका है कि बेटे आकाश को टिकट नहीं मिलेगा। इससे कैलाश दुःखी हैं और बेटे के राजनीतिक करियर को लेकर पशोपेश में हैं। टिकट मिलने के बाद दिए गए साक्षात्कारों में भी कैलाश ने बेटे के राजनीतिक भविष्य पर चिंता जताई है।