Nainital में अवैध रूप से बनी एक भव्य मस्जिद को लेकर चर्चाएँ तेज, कांग्रेस सरकार पर मस्जिद निर्माण में सहायता का आरोप
Nainital में एक नए विवाद ने जन्म लिया है जिसमें एक भव्य अवैध मस्जिद के निर्माण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कांग्रेस सरकार ने जामा मस्जिद के निर्माण में सहायता की, जिससे इस परियोजना के वित्तपोषण और प्राधिकरण पर सवाल उठ रहे हैं।
मस्जिद के निर्माण का समयरेखा
स्थानीय स्रोतों का कहना है कि यह मस्जिद 2004 से 2005 के बीच, मुख्यमंत्री एन.डी. तिवारी के कार्यकाल के दौरान पुनर्निर्मित की गई थी। इसके बाद, 2016 में जब हरीश रावत की सरकार उत्तराखंड में आई, तब मस्जिद की ऊंची मीनार का निर्माण पूरा हुआ।
निर्माण दस्तावेज और प्रशासनिक निगरानी की कमी
नैनीताल में अवैध रूप से बनी एक भव्य मस्जिद को लेकर चर्चाएँ तेज, कांग्रेस सरकार पर मस्जिद निर्माण में सहायता का आरोप ।
— Alok Tiwari (@aloktiwariup43) November 8, 2024
स्थानीयों के अनुसार, इस मस्जिद का पुनर्निर्माण 2004-05 में राज्य की एन डी तिवारी सरकार के दौरान हुआ, जबकि 2016 में हरीश रावत की सरकार में इसकी ऊँची मीनारें बनाई… pic.twitter.com/jFtrBCKprY
निर्माण दस्तावेजों की कमी को लेकर चिंताएँ उठाई गई हैं, जो सरकारी कार्यालयों से गायब प्रतीत हो रही हैं। इसने प्रशासन के प्रति लापरवाही और सहानुभूति के आरोप लगाए हैं। स्थानीय समुदाय यह सवाल कर रहा है कि इस तरह के महत्वपूर्ण विकास बिना उचित निगरानी और पारदर्शिता के क्यों हुए।
फंडिंग के सवाल
मस्जिद के निर्माण के लिए फंडिंग का स्रोत स्पष्ट नहीं है। स्थानीय निवासियों ने यह जानने की मांग की है कि वित्तीय सहायता कहाँ से आई और इस परियोजना को लेकर कोई आधिकारिक जवाबदेही क्यों नहीं है।
नैनीताल में मस्जिद के मामले ने निर्माण परियोजनाओं में बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है, विशेष रूप से धार्मिक संस्थानों से संबंधित। जैसे-जैसे यह विवाद बढ़ता है, यह ऐसे विकासों के वित्तपोषण और प्राधिकरण की जांच की आवश्यकता पर बल देता है ताकि क्षेत्र में कानून के शासन को बनाए रखा जा सके।