ईपीएस-95 द्वारा ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन, पीएम मोदी से की ये मांग
दिल्ली, ईपीएस-95 द्वारा ये राष्ट्रव्यापी आंदोलन ईपीएफओ और श्रम मंत्रालय के खिलाफ शुरू किया गया है। ज्ञात हो कि पिछले कई वर्ष से नई दिल्ली में जंतर मंतर व रामलीला मैदान पर कई प्रदर्शन किए गए व संगठन के मुख्यालय बुलढाना महाराष्ट्र में दिनांक 24.12.2018 से जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पेंशनकर्मियों द्वारा क्रमिक अनशन किया जा रहा है।
एनएसी की चार सूत्रीय मांगों को अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। एनएसी के तहत आंदोलन कर रहे पेंशनभोगी ईपीएफओ की कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर 7,500 रुपये मासिक करने के साथ महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही ईपीएस-95 पेंशनर्स को बिना किसी भेदभाव के उच्च पेंशन का विकल्प देने, सभी ईपीएस-95 पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने समेत अन्य मांग कर रहे हैं।
राष्ट्रीय आंदोलन समिति (NAC)के संयोजक कमांडर अशोक राऊत ने कहा, "हमारी राष्ट्रीय संघर्ष समिति ईपीएस 95 पेंशनभोगियों को न्याय दिलाने के लिए पिछले 7 वर्षों से संघर्ष कर रही है। सांसद श्रीमती हेमा मालिनी जी की अगुआई में प्रधानमंत्री से दो बार मिल चुके है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आश्वासन मिलने के बावजूद भी हमारी मांगों को लटका के रखा गया है। सरकार लोक कल्याण हेतु विविध प्रकार की पेंशन योजनाएं सुचारू रूप से चला रही है लेकिन सरकार के नियमों के आधीन पेंशन फंड में अंशदान करने बाद हमें हाशिये पर धकेल दिया गया है। हमें स्वाभिमान से ज़िन्दगी जीने के लिये 1171 रुपये काफी नहीं है। रु.7500 +DA पेंशन पाकर हम स्वाभिमान से अपना जीवनयापन कर सकते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से आग्रह करते हैं कि इस गंभीर मुद्दे पर कार्रवाई संसद के इसी सत्र में हो। अगर मांगें पूरी नहीं होती है तो हमने तय कर लिया है कि सड़ते-सड़ते नहीं, लड़ते-लड़ते मरेंगे। हम सिर्फ अपने स्वाभिमान के लिए लड़ रहे हैं। ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। सरकार को त्वरित हमारी मांगों पर अमल करना चाहिए।"
ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश जब आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, देश के बुजुर्ग अपने हक़ के लिए सड़कों पर उतर कर लड़ रहे हैं। उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।"
हमने जीवन भर देश को अपने श्रम से सींचा है मगर जीवन के अंतिम पड़ाव में हमें सरकार ने सड़क पर ला खड़ा किया है। महंगाई के इस दौर में जब रसोई गैस का एक सिलेंडर इससे अधिक का है तब 1100 महीना पेंशन से गुज़ारा कैसे होगा ये सरकार बताए ? इस देश के जो सबसे वृद्ध लोग हैं वो शायद आज संसार के सबसे उपेक्षित एवं ग़रीब वर्ग है।"
प्रदर्शन के साथ ही वृद्ध पेंशनर्स द्वारा रास्ता रोको आंदोलन के साथ ही माननीय प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन अपने अपने जिलाधिकारियों के कार्यालय के माध्यम से ज्ञापन भी NAC प्रतिनिधि मंडल द्वारा सौंपा जाएगा.
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