अब भारत में होगा खेलों का विकास,केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताई योजना
खेल मानव जीवन में काफी महत्वपूर्ण है. शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए विभिन्न प्रकार के खेलों की अपनी अहमियत होती है. इसी वजह से भारत में खेलों के विकास के लिए पहल की गई है. दरअसल, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय आईआईटी-बॉम्बे (IIT-Bombay) के सहयोग से देश में गेमिंग सेंटर बनाने जा रहा है. यह सेंटर खेलों के विकास के लिए कई अहम योजनाएं और कोर्स चलाएगा. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को एक गेम डिजाइनिंग कम्पटीशन के प्रतिभागियों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए यह अहम जानकारी दी है.
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा, “भारत खेलों का एक ऐतिहासिक केंद्र है. भारतीय खेलों की दुनिया अद्भुत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक प्रमुख खेल निर्माता देश बनाने की सोची है.
प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प को याद करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि "भारत को एक प्रमुख खेल निर्माता बनाने के लिए पीएम मोदी का संकल्प यह दिखाता है कि वह देश के लिए कितने दूर तक की सोच रखते हैं. उनके इस सपने को हर भारतीय नागरिक साकार करेगा”
पूरी दुनिया में बजेगा भारतीय खिलौनों का डंका
केन्द्रीय मंत्री ने गेमिंग सेंटर और भारतीय खिलौनों के पुनरुत्थान करने की बात कही. जावड़ेकर ने कहा कि "आईआईटी बॉम्बे के सहयोग से मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन और ब्रॉडकास्टिंग एक गेमिंग सेंटर बनाने जा रही है, जहां वीएफएक्स (Visual Effects), गेमिंग और एनिमेशन जैसे विषयों कोर्सेज जल्द ही शुरू किए जाएंगे. एक सेंटर और बनाया जाएगा जहाँ से खेलों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जाएंगी."
उन्होंने आगे कहा कि "भारत के समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास में कई तरह के खिलौनों के बारे में बताया गया है, भारत की इस सांस्कृतिक विरासत का पुनरुत्थान होगा और पूरी दुनिया में भारतीय खिलौनों का डंका बजेगा."
मोबाइल फोन गेम्स का होता है दुष्परिणाम
जावड़ेकर के मुताबिक बच्चों द्वारा मोबाइल फोन में खेले जाने वाले खेलों में हिंसा, क्रूरता और घृणा जैसे भाव हैं, जिनसे बच्चों में कई तरह की दुर्भावनाएं पैदा होने की संभावनाएं हैं. ये खेल बच्चों के कोमल और प्रभावशाली मन पर गलत छाप छोड़ने की क्षमता रखते हैं. इसकी जगह वीएफएक्स और अन्य आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से भारतीय मूल्यों पर आधारित वीडियो गेम्स बेहतर हो सकते हैं क्योंकि भारतीय मूल्य मानवता के मूल्य हैं.
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