Olx पर खरीदारी करने वाले हो जाएं सावधान, चोरी की कार बेचकर फिर से चुरा ली

Olx Fraud: गाजियाबाद के कविनगर थाने में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. Olx पर सामान खरीदने और बेचने वाले दोनों लोगों के लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है. olx के माध्यम से ठगों ने पहले एक युवक से एक लाख रुपये लेकर कार बेच दी. फिर वहीं कार दोबारा से चुरवा दी.
जब पीड़ित को इस बात का पता तो वह हैरान रह गए, फिर उन्होंने कार के दस्तावेजों की जांच कराई तो पता चला कि कार चोरी की है और सारे दस्तावेज फर्जी हैं. पीड़ित ने 15 फरवरी को कविनगर थाने में शिकायत दी है. वहीं पुलिस कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रही है. साथ ही मामले में कार्रवाई करने के बजाय पीड़ित को परेशान कर रही है.
ग़ाज़ियाबाद निवासी अमन ने 12 फरवरी (शुक्रवार) को olx पर वैगन आर गाड़ी का विज्ञापन देखा था। इसके बाद उन्होंने कार बेचने वाले से फ़ोन पर बातचीत की. पीड़ित अमन अगले दिन सुबह आरोपित ठग द्वारा बताई गई जगह (नोएडा) पर पहुंचे।
ठग ने आरसी का बहाना देकर टहलाया
वहां गाड़ी बेचने वाले ठग ने अपना नाम विजय सिंह बताया और बोला की गाडी उसके साले विनय सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है। विजय ने अपना फोटो लगा हुआ आधार कार्ड भी दिखाया और गाड़ी के बाकी सभी दस्तावेज़ भी दिखाए. जिसके बाद आरोपित ने शर्त रखी की वह फिलहाल गाड़ी की आर सी की सिर्फ एक कॉपी ही दे सकता है और अगले दिन शाम तक वह असली आर सी दे देगा.
फिर कार की डील कुल Rs 1 लाख 40 हज़ार रुपये में तय हुई। पूरे दस्तावेज न होन पर अमन ने आपत्ति जताई तो विजय ने उससे कहा कि वह चाहे तो Rs 40,000 car की RC मिलने के बाद दे सकता है. इस बात पर अमन भी राज़ी हो गए.
कार को अमन ने शास्त्री नगर की एक वर्कशॉप में रिपेयर करने के लिए दे रखा था. शाम लगभग सात बजे अमन के पास दूकान मालिक शोकेन्द्र का फ़ोन आया और उसने बताया की गाड़ी अचानक चोरी हो गई है। जिसे जानकर पीड़ित दंग रह गए.
इस पर अमन ने तुरंत कविनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. मामले की जांच हुई तो पता चला की विजय द्वारा दी गई आरसी की कॉपी नकली है और उस आरोपित का आधार कार्ड भी फ़र्ज़ी है । आधार के नंबर को इंटरनेट पर डालने पर कोई रिकॉर्ड सामने नहीं आया। जिसके बाद पीड़ित समझ गए वह ठगी का शिकार हो गए हैं.
पुलिस कार्रवाई के नाम पर कर रही खानापूरी
पुलिस ने घटना होने के 24 घंटे के बाद भी कार चोरी का सीसीटीवी फुटेज नहीं देखा है. साथ ही आरोपित के नंबर की लोकेशन भी ट्रेस हो गई है, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर खानापूरी कर रही है. मामले में जांच करने के बजाय पुलिस पीड़ित को चक्कर कटवा रही है.
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