ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के खिलाफ भारत की बड़ी जीत, जानिए 9 अहम फायदे

नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह आतंक के खिलाफ सख्त है। ऑपरेशन सिंदूर, एक गुप्त लेकिन निर्णायक सैन्य कार्रवाई, पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में भारत द्वारा की गई अब तक की सबसे सटीक जवाबी कार्रवाई मानी जा रही है। यह ऑपरेशन कश्मीर में हुए बर्बर आतंकी हमले के जवाब में अंजाम दिया गया, जिसमें कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
इस पूरे मिशन में भारत ने सिर्फ दुश्मन को जवाब नहीं दिया, बल्कि एक रणनीतिक बढ़त भी हासिल की। आइए जानते हैं ऑपरेशन सिंदूर से भारत को क्या 9 सबसे अहम फायदे हुए।
1. 9 आतंकी कैंपों का पूरी तरह सफाया
भारत ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल जैसे संगठनों के 9 बड़े आतंकी लॉन्चपैड्स को तबाह कर दिया। ये वही ठिकाने थे, जहाँ से भारत पर हमले की साजिश रची जाती थी।
2. PoJK तक नहीं रुकी कार्रवाई
ऑपरेशन PoJK तक सीमित नहीं रहा। भारतीय वायुसेना ने बहावलपुर और पंजाब प्रांत जैसे संवेदनशील इलाकों में भी प्रहार किया। यह पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान के अंदर सैकड़ों किलोमीटर तक हमला किया और अमेरिका जैसे देशों ने भी जिन इलाकों में ड्रोन नहीं भेजा, वहां तक भारतीय विमानों ने कार्रवाई की।
3. पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम की पोल खुली
महज 23 मिनट में मिशन पूरा कर भारतीय फौज लौट आई। पाकिस्तान की एयर डिफेंस पूरी तरह नाकाम रही, जिसे या तो जाम किया गया या धोखा देकर पार किया गया। राफेल विमानों से दागी गई SCALP और HAMMER जैसी मिसाइलों ने सटीक निशाना साधा।
4. तनाव के बिना आतंकियों को सजा
ऑपरेशन में केवल आतंकियों को टारगेट किया गया, न कि नागरिक या सेना के किसी ढांचे को। इससे साफ हो गया कि भारत की नीति “जीरो टॉलरेंस टू टेरर” पर टिकी है लेकिन वह युद्ध नहीं चाहता।
5. मोस्ट वांटेड आतंकियों का खात्मा
भारत की लिस्ट में शामिल कई मोस्ट वांटेड आतंकवादी इस ऑपरेशन में मारे गए। इस एक रात में कई आतंकी मॉड्यूल्स का नेटवर्क ध्वस्त हो गया।
6. तीनों सेनाओं का तालमेल दिखा
इस ऑपरेशन में थलसेना, नौसेना और वायुसेना तीनों ने मिलकर काम किया। यह भारत की एकीकृत युद्ध क्षमता का एक उदाहरण बन गया।
7. दुनिया को मिला भारत का स्पष्ट संदेश
भारत ने दिखा दिया कि अब वह आतंकवाद के खिलाफ किसी की अनुमति का इंतजार नहीं करेगा। आतंकियों के लिए अब कोई सेफ जोन नहीं बचा है।
8. राजनीतिक इच्छाशक्ति और सैन्य क्षमता का मेल
प्रधानमंत्री कार्यालय से मिली हरी झंडी और सैन्य नेतृत्व के कुशल निर्देशन में यह ऑपरेशन चला। यह स्पष्ट करता है कि राजनीतिक नेतृत्व और सेना अब एक ही दिशा में सोचते हैं।
9. रक्षा नीति में बड़ा बदलाव
ऑपरेशन सिंदूर ने यह दिखाया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, प्रोएक्टिव रणनीति अपना रहा है। अब हमला पहला कदम भी हो सकता है, जवाबी नहीं।
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच में आए बदलाव का प्रतीक है। यह उस भारत की तस्वीर है जो अब चुप नहीं बैठता, बल्कि आतंक के घर में घुसकर जवाब देता है। और सबसे बड़ी बात — यह सब कुछ बिना युद्ध के किया गया।