ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का अगला टारगेट तैयार, पाकिस्तान ने खुद मांगा युद्धविराम

 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का अगला टारगेट तैयार, पाकिस्तान ने खुद मांगा युद्धविराम

नई दिल्ली। 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचों पर निर्णायक हमला किया। 10 मई की सुबह, भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों और राफेल विमानों के ज़रिए पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस और अन्य 11 वायुसेना ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों के बाद पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त हो गई।

पाकिस्तान की बौखलाहट और अमेरिका से मदद की गुहार

भारतीय हमलों से घबराया पाकिस्तान तुरंत अमेरिका के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और NSA अजीत डोभाल से आपात बातचीत की कोशिश की।

पाकिस्तान ने अमेरिका को सूचित किया कि वह युद्धविराम चाहता है, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब कोई भी सैन्य निर्णय केवल DGMO चैनल के ज़रिए ही होगा, और राजनीतिक हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं।

WhatsApp Group Join Now

 पाकिस्तान की धमकी और भारत की ठंडी प्रतिक्रिया

10:38 AM पर पाकिस्तान के DGMO काशिफ अब्दुल्ला ने भारत को फोन कर संभावित ब्रह्मोस मिसाइल हमले की आशंका जताई और प्रतिक्रिया की धमकी दी। मगर भारत की ओर से आत्मविश्वास और शांत संयम बरकरार रखा गया।

भारत ने साफ कर दिया कि रणनीतिक बातचीत अब सैन्य माध्यमों से ही होगी। पाकिस्तान के विदेश मंत्री और अन्य देशों की कॉल्स को भारत ने नजरअंदाज किया।

क्यों स्वीकारा गया संघर्षविराम?

भारत ने संघर्षविराम इसलिए स्वीकारा क्योंकि:

  • ऑपरेशन सिंदूर के सभी लक्ष्य पूरे हो चुके थे

  • पाकिस्तान की सैन्य प्रतिक्रिया की संभावना खत्म हो चुकी थी

  • भारत नहीं चाहता था कि पाकिस्तान खुद को ‘पीड़ित’ दिखा कर पश्चिमी देशों की सहानुभूति जुटाए

चीन और तुर्की की भूमिका पर भारत सख्त

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में चीन और तुर्की के सैन्य सलाहकार सक्रिय रहे। भारत ने साफ कर दिया है कि भविष्य में आतंक को समर्थन देने वाले देशों के खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।

भारत अब पारंपरिक युद्ध से आगे बढ़कर ड्रोन, स्टैंड-ऑफ वेपंस और स्वार्म टेक्नोलॉजी पर केंद्रित है। 2028 तक 31 अमेरिकी ‘प्रिडेटर ड्रोन’ आने हैं, साथ ही स्वदेशी हाई-एल्टीट्यूड अटैक ड्रोन पर भी तेजी से काम चल रहा है।

सिंधु जल संधि पर भी बड़ा फैसला संभव

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत आने वाले महीने में सिंधु जल संधि निलंबित करने की तैयारी कर रहा है। यह पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से एक और बड़ा झटका होगा।

भारत ने अब साफ कर दिया है कि आत्मनिर्भरता और निर्णायक सैन्य क्षमता ही उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा की नई परिभाषा है।

Tags

Share this story