ओशो का विवादित जीवन: आध्यात्मिक गुरु, वैश्विक कल्ट लीडर और अनसुलझे सवाल

Osho Biography और उनकी जीवन गाथा आध्यात्मिक ज्ञान और विवादों का अनोखा मिश्रण है। कभी 'भविष्य के बुद्ध' कहे गए Osho, अपने अनुयायियों के लिए दिव्यता का प्रतीक थे, तो वहीं आलोचकों के लिए वे एक Controversial Cult Leader बनकर उभरे।
सेक्स से समाधि तक: भारतीय समाज से टकराव
1960 के दशक के अंत में ओशो ने भारत में पारंपरिक धर्म, राजनीति और नैतिकता पर तीखे हमले शुरू किए। उन्होंने Sexual Liberation को आध्यात्मिकता का हिस्सा बताते हुए कहा कि "संभोग से समाधि" संभव है। उनकी किताब "संभोग से समाधि की ओर" ने विवादों को और भड़का दिया।
पुणे आश्रम: मुक्ति का केंद्र या शोषण की जगह?
1974 में स्थापित ओशो का पुणे आश्रम एक Spiritual Therapy Center बन गया, जहां दुनियाभर से 30,000 से ज्यादा लोग पहुंचे।
लेकिन बाद में कुछ पूर्व अनुयायियों ने आरोप लगाया कि:
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महिलाओं को भावनात्मक और यौन शोषण के लिए तैयार किया जाता था।
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सेक्स को "थैरेपी" की आड़ में पेश किया गया।
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STDs जैसे gonorrhea और herpes फैलने के मेडिकल प्रमाण भी सामने आए।
भारत सरकार से टकराव और अमेरिका की ओर रुख
Morarji Desai के प्रधानमंत्री बनने के बाद सरकार की सख्ती बढ़ गई। टैक्स रेड और मुकदमों के चलते ओशो ने 1981 में भारत छोड़ दिया और अमेरिका में Rajneeshpuram नामक शहर बसाया।
Rajneeshpuram: ओरेगन की रेत में एक विवादित यूटोपिया
ओशो के अनुयायियों ने अमेरिका के ओरेगन में एक स्वायत्त नगर बनाया जहां पुलिस, फायर स्टेशन और मार्केट भी थे। लेकिन जल्द ही यहां भी विवाद शुरू हो गए।
अमेरिका का पहला बायोटेरर हमला
1984 में, ओशो की सचिव Ma Anand Sheela पर 10 रेस्तरां में Salmonella मिलाकर 700+ लोगों को बीमार करने का आरोप लगा।
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मकसद: स्थानीय चुनाव में वोटिंग टर्नआउट को गिराना।
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नतीजा: 45 लोग हॉस्पिटल में भर्ती हुए।
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Sheela को 20 साल की सजा हुई, पर ओशो ने इससे खुद को अलग बताया।
गिरफ्तारी, निर्वासन और वैश्विक बहिष्कार
1985 में अमेरिका में Immigration Fraud में गिरफ्तार होने के बाद ओशो को 21 देशों से प्रतिबंधित कर दिया गया। 1987 में वे भारत लौटे और पुणे आश्रम में फिर से बस गए।
ओशो की रहस्यमयी मृत्यु
Osho Death Mystery आज भी एक बड़ा सवाल है:
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19 जनवरी 1990 को बिना पोस्टमार्टम के उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
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निजी डॉक्टर मौजूद नहीं थे।
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माँ और भाई को सूचना नहीं दी गई।
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40 दिन पहले उनकी एक शिष्या Prem Nivan की भी संदिग्ध मौत हो चुकी थी।
पत्रकार Abhay Vaidya ने अपनी किताब "Who Killed Osho?" में ज़हर देने की आशंका जताई है।
विरासत: दर्शनिक या धोखेबाज़?
Osho के अनुयायी आज भी उन्हें Mindfulness, Love & Freedom का महान प्रवक्ता मानते हैं। लेकिन आलोचक उन्हें एक Manipulative Cult Leader कहते हैं जिन्होंने आध्यात्मिकता की आड़ में भावनात्मक और यौन शोषण को छिपाया।