कौन हैं पराग जैन? ऑपरेशन सिंदूर और धारा 370 हटाने में निभाई थी बड़ी भूमिका, अब RAW प्रमुख बने

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के नए प्रमुख के रूप में 1989 बैच के पंजाब कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन की नियुक्ति की है। वे 1 जुलाई 2025 से दो वर्ष के तय कार्यकाल के लिए इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभालेंगे। वे मौजूदा RAW चीफ रवि सिन्हा की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है।
RAW में दशकों का अनुभव
पराग जैन का खुफिया सेवाओं में दो दशकों से भी अधिक का अनुभव है। वे लंबे समय से RAW के महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का हिस्सा रहे हैं और वर्तमान में RAW के एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। ARC हवाई निगरानी, फोटो इंटेलिजेंस और सीमावर्ती क्षेत्रों की सूचनाओं के संग्रह में अहम भूमिका निभाता है।
ऑपरेशन सिंदूर और धारा 370 की भूमिका
जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार की आतंकवाद-रोधी नीति में पराग जैन ने एक केंद्रीय भूमिका निभाई थी। उन्होंने RAW की पाकिस्तान डेस्क को लंबे समय तक संभाला है और अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया में उनकी रणनीतिक सोच ने बड़ा योगदान दिया। इसके अलावा, वह ऑपरेशन सिंदूर के भी मुख्य योजनाकारों में से एक थे।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी उल्लेखनीय
पराग जैन ने श्रीलंका और कनाडा में भारतीय मिशनों में खुफिया जिम्मेदारियां संभाली हैं। खासतौर पर कनाडा में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने खालिस्तानी नेटवर्क और आतंकी मॉड्यूल्स पर कड़ी निगरानी रखी थी। इससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक कुशल खुफिया अधिकारी के रूप में पहचान मिली।
पंजाब में निभाई अहम भूमिकाएं
अपने प्रारंभिक कार्यकाल में पराग जैन चंडीगढ़ के एसएसपी और लुधियाना के डीआईजी भी रह चुके हैं। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था संभालते हुए कई महत्वपूर्ण मिशन को अंजाम दिया।