पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कॉर्पोरेट मंत्रालय की जांच, कानूनी परेशानियों का सामना कर सकती है रामदेव की कंपनी

 
पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कॉर्पोरेट मंत्रालय की जांच, कानूनी परेशानियों का सामना कर सकती है रामदेव की कंपनी

योगगुरु रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद अब कॉर्पोरेट मंत्रालय की जांच के घेरे में आ गई है। कॉर्पोरेट मंत्रालय की जांच शाखा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ इन्वेस्टिगेशन (DG Investigations) ने कंपनियों अधिनियम, 2013 की धारा 210 के तहत पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस भेजा है। इस मामले को लेकर सीएनबीसी टीवी18 ने कंपनी से संपर्क किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक पतंजलि आयुर्वेद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

क्या है धारा 210?

धारा 210 के तहत केंद्र सरकार किसी कंपनी के मामलों की विस्तृत जांच शुरू कर सकती है, खासकर जब उसे अनियमितता, वित्तीय हेरफेर या कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उल्लंघन की जानकारी मिलती है। इस कार्रवाई की शुरुआत पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ मिली सूचनाओं के आधार पर हुई है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ED), आयकर विभाग (I-T) और GST विभाग से प्राप्त हुई हैं।

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इन आर्थिक जांच एजेंसियों के बीच एक MoU (सहमतिपत्र) है, जिसके तहत वे एक-दूसरे से जानकारी साझा करती हैं ताकि कंपनियों की संदिग्ध गतिविधियों पर समन्वित कार्रवाई की जा सके।

पतंजलि के खिलाफ चल रही जांच और संभावित कदम

सूत्रों के मुताबिक, इस जांच की प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी हो सकती है। यदि जांच में गड़बड़ियां पाई जाती हैं, तो पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कड़ी नियामकीय कार्रवाई हो सकती है। इससे पहले भी कंपनी पर भ्रामक विज्ञापनों, टैक्स उल्लंघन और गलत रिफंड क्लेम जैसे मामलों में जांच चल रही है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी पतंजलि आयुर्वेद को चेतावनी दी थी कि वह अपने उत्पादों को गंभीर बीमारियों के इलाज के रूप में पेश न करे।

कानूनी और नियामकीय जांच का बढ़ता दायरा

पतंजलि आयुर्वेद के लिए यह स्थिति कानूनी और नियामकीय जांच-पड़ताल का एक बड़ा हिस्सा बन सकती है। आने वाले महीनों में कंपनी को कानूनी लड़ाई से जूझना पड़ सकता है।

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