ब्रांडेड दवाइयों पर रोक के खिलाफ पेंशनर्स फोरम का विरोध, बोले महासचिव आनंद अवस्थी— न्याय न मिला तो जाएंगे कोर्ट

देश के करीब 95 लाख पेंशन लाभार्थियों से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा अब गरमाने लगा है। सरकार द्वारा ब्रांडेड दवाइयों को बंद करने के आदेश के खिलाफ अब पेंशनर्स फोरम खुलकर विरोध की तैयारी कर रहा है।
फोरम ने इस निर्णय को क्रॉनिक बीमारियों से पीड़ित बुजुर्ग पेंशनर्स के जीवन के लिए खतरा बताया है।
सबसे पहले सभी एसोसिएशन से ली जाएगी राय
पेंशनर्स फोरम सबसे पहले देशभर की पेंशनर्स एसोसिएशनों से विचार-विमर्श करेगा। इसके बाद फोरम सचिव को पत्र लिखकर आदेश वापस लेने की अपील करेगा, ताकि बुजुर्गों को उनकी जरूरत की ब्रांडेड दवाएं मिलती रहें।
विशेष रूप से, आंकड़ों के अनुसार:
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7% लाभार्थी 70 वर्ष से ऊपर हैं
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5% लाभार्थी 80 वर्ष से ऊपर
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2% से अधिक 85 वर्ष से अधिक उम्र के हैं
इनमें से अधिकांश लोग क्रॉनिक बीमारियों जैसे हाई बीपी, शुगर, हार्ट डिजीज और कैंसर से पीड़ित हैं, जिन्हें अनब्रांडेड या जेनेरिक दवाओं से खतरा बढ़ सकता है।
न्याय नहीं मिला तो कोर्ट जाएंगे: आनंद अवस्थी
इस पूरे मुद्दे पर पेंशनर्स फोरम के महासचिव श्री आनंद अवस्थी ने कहा:
"हम अगली पीढ़ी की भलाई के लिए यह लड़ाई लड़ रहे हैं। अगर हमें सरकार से न्याय नहीं मिला, तो हमारे पास कानून की अदालत में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल दवाइयों का सवाल नहीं है, बल्कि पेंशनभोगियों के स्वास्थ्य और गरिमा का मुद्दा है।