आगामी बजट में पेंशनर्स फंड की घोषणा की मांग, पेंशनर्स फोरम ने वित्त मंत्री को लिखा पत्र
नई दिल्ली: देशभर के पेंशनर्स की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर पेंशनर्स फोरम ने केंद्र सरकार से एक बार फिर ठोस कदम उठाने की अपील की है। पेंशनर्स फोरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर आगामी आम बजट में पेंशन भुगतान के लिए अलग से पेंशनर्स फंड का प्रावधान करने की मांग की है।
पेंशनर्स फोरम के महामंत्री आनंद अवस्थी द्वारा भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि देश में करीब दो करोड़ पेंशनर्स परिवार आज आर्थिक अनिश्चितता और मानसिक तनाव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। फोरम का कहना है कि पेंशन कोई सरकारी अनुदान नहीं, बल्कि सेवा के बदले कर्मचारी का अधिकार है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि 28 दिसंबर 2025 को गोविंद नगर स्थित एक धर्मशाला में पेंशनर्स फोरम की कार्यकारिणी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सरकार से पेंशनर्स फंड की मांग को औपचारिक रूप से उठाया जाए। फोरम ने उम्मीद जताई है कि बजट पेश करते समय इस विषय पर स्पष्ट घोषणा की जाएगी, जिससे पेंशनर्स और उनके परिवारों को राहत मिल सके।
पेंशनर्स फोरम ने अपने पत्र में डी.एस. नकारा बनाम भारत सरकार (1982) के ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट फैसले का भी हवाला दिया है। उस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा था कि पेंशन कर्मचारी का अधिकार है, न कि सरकार की कृपा, और सेवानिवृत्ति की तिथि के आधार पर पेंशन लाभों में भेदभाव नहीं किया जा सकता।
फोरम ने यह भी कहा है कि यदि आगामी बजट में पेंशनर्स फंड को लेकर कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया, तो देशभर के पेंशनर्स को आंदोलनात्मक रास्ता अपनाने पर मजबूर होना पड़ सकता है। पेंशनर्स फोरम ने सरकार से न्यायालय के फैसलों की भावना का सम्मान करते हुए पेंशनर्स के हित में निर्णय लेने की अपील की है।