PM Modi Birth Day: जानें मोदी सरकार की टॉप 10 उन योजनाओं के बारे में, जिनसे किसानों को हुआ खूब फायदा
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) का 72 वां जन्मदिन है. नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं उन्होंने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने और उनकी जिंदगी को आसान बनाने वाली अनेकों ऐसी योजनाओं की शुरुआत की है जो किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हुई हैं. आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर हम आपको किसानों से संबंधित केंद्र सरकार की उन 10 सर्वश्रेष्ठ योजनाओं की जानकारी विस्तार से दे रहे हैं.जिन्हें आपको जरूर पढ़ना चाहिए और उनका लाभ उठाना चाहिए. तो चलिए पढ़ना कीजिए शुरू.
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर
भारत की जीडीपी (GDP) में कृषि का हिस्सा 18% का है. ऐसे में कृषि करने वाले किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे उनके हाथ में बिना किसी भ्रष्टाचार के जाए. इसके लिए मोदी सरकार ने किसानों के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना को शुरू किया. DBT के माध्यम से सरकार अभी तक हज़ारों करोड़ रुपया किसानों के खाते में सीधे भेज चुकी है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
फरवरी 2019 केंद्र सरकार द्वारा प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी. इस योजना के तहत सभी किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 6,000 रुपये सरकार देती है.अब तक केंद्र सरकार 11.3 करोड़ किसानों को 1.82 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में स्थानांतरित कर चुकी है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
किसानों की फसल का बीमा करने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के जरिए किसानों की फसल को बारिश, बाढ़, आंधी, तूफान, भूकंप आदि प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर बीमा कवर मिलता है. पीएम फसल बीमा स्कीम के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों ने प्रीमियम के लगभग 21 हजार करोड़ रुपये जमा कराए, जबकि उन्हें फसलों के नुकसान के बदले क्लेम के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये मिले हैं.
पीएम किसान मानधन
केंद्र सरकार किसानों के लिए पीएम किसान मानधन योजना चलाती है. इस स्कीम के तहत किसान की आयु 60 वर्ष के होने के बाद उन्हें 3,000 रुपये मासिक पेंशन का मिलती है. इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच में आवेदन करना पड़ता है. 18 वर्ष की उम्र में आपको हर महीने 55 रुपये का प्रीमियम देना पड़ता है.
प्रधानमंत्री जन-धन योजना
प्रधानमंत्री जन-धन योजना 2014 में शुरू हुई थी. प्रधानमंत्री जन धन योजना के जरिए हर परिवार को बैंकिंग सुविधा देने का काम किया जा रहा है. परिवार के दो सदस्य जन धन योजना में जीरो बैलेंस खाता खोल सकते हैं. जन धन खाते में पैसे जमा करने या निकालने पर कोई चार्ज नहीं लगता. इन खातों में बिना किसी चार्ज के फंड ट्रांसफर होता है और बिना किसी शुल्क के मोबाइल बैंकिंग की सुविधा मिलती है. DBT योजना की कामयाबी में प्रधानमंत्री जन-धन योजना का बहुत अहम योगदान है.
राष्ट्रीय कृषि बाजार
राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) भारत में कृषि वस्तुओं के लिए एक आनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म है. ई-मार्केट किसानों, व्यापारियों और खरीदारों को आनलाइन व्यापार की सुविधा प्रदान करता है और बेहतर कीमत दिलाने में मदद करता है. साथ ही उपज के सुचारू विपणन के लिए सुविधाएं प्रदान करता है. 1.73 करोड़ किसानों ने ई-एनएएम प्लेटफार्म पर पंजीकरण कराया है. जिसने 1.87 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है.
नीम कोटेड यूरिया
देश में यूरिया की किल्लत को खत्म करने और उसकी कालाबाजारी रोकने के लिए वर्ष 2015 के मई महीने से सरकार ने संपूर्ण यूरिया उत्पादन को नीम लेपित करना अनिवार्य कर दिया था. भारत में किसी न किसी रुप में नीम का इस्तेमाल हमेशा से होता आया है. नीम को अच्छी कीटनाशक और वैक्टीरिया रोधी भी माना जाता है. केंद्र सरकार के इस फैसले ने बहुत हद तक खाद की समस्या का समाधान किया है.
पीएम कुसुम योजना
किसानों के खेत को जब पानी की आवश्यकता होती है, तो उन्हें कई बार समय से बिजली नहीं मिल पाती है.इसलिए किसान को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की तरफ से पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Scheme) चलाई जा रही है. इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल सब्सिडी पर मिलते हैं, जिससे वह बिजली का उत्पादन कर अपनी आवश्यकता के अनुसार उसका प्रयोग करने के बाद बाकी को बेच कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते है.
पशुधन बीमा योजना
किसानों या पशुपालकों को पशुओं की अचानक मृत्यु हो जानें पर उन्हें आर्थिक क्षति काफी होती है. इस प्रकार की क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना चलायी जा रही है.बीमा का प्रीमियम 50 प्रतिशत तक अनुदानित होता है. अनुदान की पूरी लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है.
स्वायल हेल्थ कार्ड योजना
खेत में फसलों को बोने के बाद फसलों की सेहत से सम्बंधित जानकारी होना भी एक अहम बिंदु है. फसलों को दिए गये खाद, पानी आदि का फसल पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसकी जानकारी के लिए सरकार द्वारा स्वायल हेल्थ कार्ड योजना की शुरुआत की गयी है.आपको बता दें, कि वर्ष 2015 से 2017 के बीच 10.73 करोड़ स्वायल हेल्थ कार्ड बनाए गए जबकि यह आंकड़ा 2017 से 2019 के बीच 10.69 रहा है.
उम्मीद करते हैं किसानों से संबंधित योजनाओं की जानकारी आपको पसंद आई होगी और आप इसे दूसरों के साथ साझा करेंगे.
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