असम दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा एलान, पूरे नार्थ-ईस्ट से हटेगा AFSPA कानून, जानें अहम बातें
असम दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि असम-मेघालय सीमा विवाद टेम्पलेट अन्य राज्यों के बीच मतभेदों को सुलझाने में मदद कर सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) 1958 को पूर्वोत्तर से पूरी तरह से हटाने के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं.
मध्य असम के दीफू में एक "शांति, एकता और विकास" रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से शांतिपूर्ण परिस्थितियों के कारण AFSPA को आंशिक रूप से असम, मणिपुर और नागालैंड से (1 अप्रैल से) वापस लिया जा सकता है. बोडो समझौते ने स्थायी शांति के लिए दरवाजे खोल दिए है जिसके बाद इस कानून को हटाया जा सकता है.
पीएम मोदी ने कहा, “AFSPA पूर्वोत्तर के कई राज्यों में दशकों तक लागू रहा. पिछले आठ वर्षों में हिंसा की घटनाओं में 75% की गिरावट के साथ बेहतर प्रशासन और शांति की वापसी के कारण हमने इसे कई क्षेत्रों से हटा दिया. यही कारण है कि हमने पहले त्रिपुरा और फिर मेघालय से AFSPA को हटाया."
पूर्वोत्तर में शांति की लगातार वापसी का श्रेय राज्य सरकारों और लोगों के सामूहिक प्रयासों को देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र अफस्पा कानून को हटाने के लिए शेष क्षेत्रों में स्थिति को सामान्य करने का प्रयास कर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "हम इस संबंध में नागालैंड और मणिपुर में तेज गति से काम कर रहे है."
उन्होंने असम के बोडो क्षेत्रों और त्रिपुरा में कार्बी आंगलोंग और त्रिपुरा-मिजोरम की ब्रू (रियांग) समस्या में उग्रवाद की समस्या को हल करने में केंद्र सरकार के अथक प्रयासों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि कुछ अन्य क्षेत्रों में स्थायी शांति के लिए इसी तरह के प्रयास गंभीरता से किए जा रहे हैं.
पीएम मोदी ने आगे कहा, “देश अब देख सकता है कि हिंसा और अविश्वास की दशकों पुरानी समस्या का समाधान कैसे किया जा रहा है. इस क्षेत्र में लोग बम और कभी-कभी गोलियों की आवाज सुनते थे. आज, हम ताली की आवाज़ सुन सकते हैं."
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि असम और मेघालय अपने सीमा विवाद को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के प्रयास क्षेत्र में कहीं और अंतरराज्यीय मतभेदों को हल करने और लोगों की विकासात्मक आकांक्षाओं को गति प्रदान करने के लिए एक खाका होगा.
सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA), 1958 भारत की संसद का एक अधिनियम है जो भारतीय सशस्त्र बलों को "अशांत क्षेत्रों" में सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान करता है.