Parliament Session: पुरानी संसद को अलविदा! पीएम मोदी समेत सभी सांसदों ने नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में किया प्रवेश

पीएम मोदी ने कहा कि 'सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। अनेक अवसरों पर दोनों सदनों ने भारत के भाग्य को लेकर निर्णय किए। 
  
PM MODI


Parliament Special Session: पुरानी संसद का आज आखिरी दिन है। पीएम मोदी समेत सभी सांसद पुरानी इमारत से नई संसद गए। सभी सांसद साथ-साथ चले। इससे पहले पुरानी इमारत के सेंट्रल हॉल में विदाई समारोह रखा गया। यह करीब दो घंटे चला।  संसद के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। सेंट्रल हॉल के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संबोधित किया और कहा कि अब पुरानी इमारत को संविधान सदन के रूप में जाना जाएगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की अगुआई में सभी सांसद नई इमारत में गए। आज का दिन इस तरह से ऐतिहासिक हो गया है। आज से ही नए संसद भवन में कार्यवाही भी शुरू हो गई है। 



ये सदन  बड़े फैसलों के लिए याद रखा जाएगा- पीएम  

पीएम मोदी ने कहा कि 'सेंट्रल हॉल में तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। अनेक अवसरों पर दोनों सदनों ने भारत के भाग्य को लेकर निर्णय किए। अभी तक लोकसभा और राज्‍यसभा ने मिलकर करीब-करीब 4 हजार से अधिक कानून पास किए हैं।नए संसद भवन में जाने के पहले पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में मंगलवार को विदाई कार्यक्रम रखा गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये भवन ये सेंट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है।हमें भावुक भी करता है और कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है। आजादी पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के लिए इस्तेमाल होता था। उन्होंने कहा कि बाद में संविधान सभा की बैठक शुरू हुई और उसके बाद हमारा संविधान यहीं पर आकार लिया। यही पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। उस प्रक्रिया का यह हॉल साक्षी है।हम सबका सौभाग्य है कि हमें सदन में आर्टिकल 370 से मुक्ति पाने का मौका मिला। ऐसी कई महत्वपूर्ण कामों में संसद की भूमिका अहम रही है।इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी चल पड़ी थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया। 


पीएम मोदी ने किया विपक्ष पर तंज

पीएम मोदी ने कहा हमारा भाव जैसा होता है वैसा ही काम करते हैं। भवन बदला है हम चाहते हैं कि भाव भी बदले। नए भवन में हम सभी संविधान की आत्मा के मानदंडों को लेकर नई भावना को लेकर चलें। स्पीकर महोदय आप हम सांसदों  के व्यवहार के विषय में कह रहे थे। मै आश्वासन देता हूं कि मेरा पूरा सहयोग रहेगा। हम अनुशासन का पालन करें। देश हमें देखता है। लेकिन चुनाव तो दूर है। जितना समय हमारे पास बचा है, मैं पक्का मानता हूं कि यहां जो व्यवहार होगा यह निर्धारित करेगा कि कौन यहां बैठेगा और कौन वहां बैठेगा। जो वहां ही बैठा रहना चाहता है उसका व्यवहार क्या होगा और यहां बैठने वाले का व्यवहार क्या होगा इसका फर्क पूरा देश देखेगा। 
 

Tags

Share this story

Around The Web

अभी अभी