Rahul Gandhi को मिली जमानत, मानहानि केस में अब इस दिन होगी अगली सुनवाई

Rahul Gandhi Defamation Case: सूरत की सेशंस कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सोमवार को राहुल गांधी को 2019 की टिप्पणी से संबंधित मामले में जमानत दे दी है। निचली अदालत के फैसले को राहुल गांधी ने सूरत की सेशंस कोर्ट में चुनौती दी है। अब 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। राहुल गांधी भी सुनवाई के लिए सूरत कोर्ट पहुंचे थे। अदालत ने राहुल गांधी को उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें। सूरत की अदालत की ओर से दोषी ठहराए जाने के बाद, लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर राहुल गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था।
ये नेता पहुंचे सूरत
राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी सूरत पहुंची. साथ ही कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी गुजरात पहुंचे हैं।
बीजेपी नेता ने दी थी शिकायत
लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, बशर्ते कोई उच्च अदालत उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक न लगा दे। राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उस टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों है।
किस कानून के तहत राहुल गांधी हुए अयोग्य?
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ के अधिवक्ता परिषद के प्रान्त महामंत्री प्रशांत एम हरने जी ने बताया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, एक सांसद/विधायक को किसी भी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल के लिए कारावास घोषित किया जाता है, अदालत द्वारा सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, किसी भी अपराध के लिए दोषी पाए गए सांसद/विधायक को सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा, शिकायत में कहा गया है। सदस्याता समाप्त हो गए है।
मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी ने भी सदस्यता गंवाई थी
सांसदी जाने का गांधी परिवार के साथ यह पहला मामला नहीं है। बल्कि राहुल की मां (सोनिया गांधी) और दादी (पूर्वपीएमइंदिरा गांधी) भी एक-एक बार अपनी लोकसभा सदस्यता से हाथ धो बैठे हैं। इससे पहले साल 1978 में राहुल की दादी इंदिरा गांधी ने सदस्यता गंवाई थी। वहीं सोनिया रजाने गांधी रायबरेली से सांसद थीं। इसके साथ ही वह यूपीए सरकार के समय गठित राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की चेयरमैन भी थीं, जिसे ' लाभ का पद करार दिया गया था। इसकी वजह से सोनिया गांधी को लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था, उन्होंने रायबरेली से दोबारा चुनाव लड़ा था।
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