रेल का खेल: लॉकडाउन की आड़ में सबसे ज्यादा पैसा अगर किसी ने कमाया है तो वह रेलवे मंत्रालय ही होगा
कोरोना महामारी के चलते देशभर में कई ट्रेन व्यवस्थाएं फिलहाल अभी पूरी तरीके से बहाल नहीं हुई हैं। इसके बावजूद भी रेलवे ने कमाई में कोई कसर नहीं छोड़ा।
लॉकडाउन की आड़ में सबसे ज्यादा पैसा अगर किसी ने कमाया है तो वह रेलवे मंत्रालय ही होगा। पुरानी ट्रेनों को स्पेशल बताकर किराया लगभग डबल कर दिया गया। बड़ी-बड़ी चुनावी सभाओं में कोरोना नहीं है, लेकिन सारा कोरोना रेलवे के ऐसी बोगी में कंबल और चद्दर देने से ही फैलेगा।
इस खेल को इस उदाहरण से भी समझा जा सकता है। वाराणसी से दिल्ली तक चलने वाली ट्रेन काशी विश्वनाथ एक्स बंद है। उसकी जगह स्पेशल ट्रेन चल रही जिसका किराया भदोही से लखनऊ तक का 385 रुपए है जो पहले 185 रुपए था। थर्ड ऐसी का किराया 550 की जगह 1050 रुपए हो गया।
इसी रूट पर चलने वाली सुपरफास्ट नीलांचल और पंजाब एक्सप्रेस में स्लीपर का किराया 215 और थर्ड ऐसी का किराया 555 रुपए ही है। ऐसी तमाम कोविड स्पेशल ट्रेनें चलाकर आम लोगों का जेब काटा जा रहा। बाकी मजबूरी में इंसान पैदल भी चल देता है, ज्यादा किराया भला क्यों नहीं चुका देगा।