राजीव कृष्ण बने उत्तर प्रदेश के नए DGP, हाईटेक पुलिसिंग के हैं मास्टरमाइंड

 
राजीव कृष्ण बने उत्तर प्रदेश के नए DGP, हाईटेक पुलिसिंग के हैं मास्टरमाइंड

लखनऊ | उत्तर प्रदेश को नया पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है। 1991 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को यूपी का नया डीजीपी नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में डीजी विजिलेंस और यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर तैनात थे।

राजीव कृष्ण हाइटेक पुलिसिंग और साफ-सुथरी भर्ती प्रक्रिया के लिए जाने जाते हैं। उनकी पहचान एक सख्त लेकिन संवेदनशील अफसर के रूप में है। उन्होंने आपरेशन पहचान, एंटी रोमियो स्क्वाड मॉनिटरिंग, ई-मालखाना, और साइबर अपराधों पर कार्रवाई जैसे इनोवेटिव अभियानों की शुरुआत की।

आगरा से बनी थी मजबूत पहचान

राजीव कृष्ण की लोकप्रियता तब बढ़ी जब वे वर्ष 2004 में आगरा के एसएसपी थे। उस दौरान उन्होंने बीहड़ों में सक्रिय अपहरण गैंग्स के खिलाफ सख्त अभियान चलाया। उनके नेतृत्व में अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई जिससे आम जनता में पुलिस की छवि मजबूत हुई।

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शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर ग्रोथ

राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को लखनऊ में हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में स्नातक किया और फिर यूपीएससी परीक्षा 1991 में पास कर आईपीएस बने।
उनका डीआईजी प्रमोशन 2007, आईजी प्रमोशन 2010, एडीजी प्रमोशन 2016 और डीजी प्रमोशन 2020 में हुआ।

भर्ती बोर्ड में शानदार प्रदर्शन

डीजीपी नियुक्ति से पहले राजीव कृष्ण ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में देश की सबसे बड़ी परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित की। पेपर लीक विवाद के बाद पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित कराना और चयन प्रक्रिया पूरी करना उनके नेतृत्व में संभव हो सका।

अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें प्रदेश की सबसे बड़ी सुरक्षा जिम्मेदारी सौंपी है। राजीव कृष्ण के नेतृत्व में अब यूपी पुलिस से जनता को और अधिक प्रोफेशनल, संवेदनशील और तकनीक-संपन्न सेवा मिलने की उम्मीद है।

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