उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय सम्मान को पाने वाला एशिया का इकलौता शख्श बना ये वन रेंजर, जानें

 
उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय सम्मान को पाने वाला एशिया का इकलौता शख्श बना ये वन रेंजर, जानें

उत्तराखंड से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. उत्तराखंड का परचम अब देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ऊंचा हो गया. जी हां, उत्तराखंड के मशहूर राजाजी टाइगर रिजर्व के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है. राजाजी टाइगर रिजर्व के रेंजर महेंद्र गिरी को देश से नहीं बल्कि समस्त एशिया से इकलौता रेंजर चुना गया है.

वन्यजीवों के संरक्षण में एक अहम भूमिका निभाने के लिए और योगदान देने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के रेंजर महेंद्र गिरी को आईयूसीएन, डब्लूसीपी इंटरनेशनल रेंजर अवार्ड दिया जाएगा और गर्व की बात यह है कि यह पुरस्कार पाने वाले महेंद्र गिरी पूरे एशिया महाद्वीप में इकलौते रेंजर हैं.

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गौरतलब है इंटरनेशनल रेंजर फेडरेशन और ग्लोबल वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन की ओर से यह पुरस्कार उन टाइगर रिजर्व और रेंजर्स को दिया जाता है जो कि वन्य जीव संरक्षण में अहम भूमिका निभाते हैं. इस अवार्ड के लिए पूरे दुनिया के 41 देशों के 630 टाइगर रिजर्व के 630 रेंजर और वन कर्मियों ने दावेदारी की थी.

इस वर्ष वन संरक्षण में योगदान और समर्पण के आधार पर दुनियाभर में कुल 10 विजेता तय किए गए है. विभिन्न देशों के कुल 630 वन कर्मचारियों (68 व्यक्तिगत और 45 टीम नामांकन) के लिए 113 नामांकन प्राप्त हुए थे. इनमें मोतीचूर के रेंजर महिंद्रा गिरी एशिया से एकमात्र विजेता हैं. बाकी विजेता अमेरिका, अफ्रीका और पूर्वी यूरोप से हैं.

काम के बेहतर संचालन में विजेता और उनकी टीम का समर्थन करने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व को 10 हजार अमेरिकी डॉलर प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा, पुरस्कार विजेता को ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और वर्दी बैच प्रदान किया जाएगा. वैश्विक महामारी को देखते हुए पुरस्कार समारोह ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा और पुरस्कारों की आधिकारिक घोषणा सात अप्रैल को की जाएगी.

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