हिजाब पहनने का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 के अंतर्गत नहीं : कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट से कहा
Feb 22, 2022, 20:15 IST
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखी. अदालत ने इससे पहले कर्नाटक के कॉलेजों में कक्षाओं में भाग लेने के दौरान हिजाब, भगवा शॉल (भगवा) पहनने पर प्रतिबंध लगाने का अंतरिम आदेश पारित किया था. सोमवार को कर्नाटक सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता दावा कर रहे थे कि हिजाब पहनना एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है जिससे प्रत्येक मुस्लिम महिला के लिए एक विशेष ड्रेस कोड को बाध्य करना अनिवार्य है. मंगलवार को कर्नाटक राज्य की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा, "याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश किए गए तर्कों में से एक यह है कि पोशाक पहनने के लिए उनका अधिकार अनुच्छेद 19 (1) (ए) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत स्वतंत्र रूप से मिलता है. वह तर्क परस्पर विनाशकारी है और वर्तमान पूर्वसर्ग के विपरीत है." महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि हेडस्कार्फ़ या हिजाब पहनने का अधिकार 19 (1) (ए) की श्रेणी में आता है न कि अनुच्छेद 25 के तहत, जैसा कि याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है. उन्होंने कहा, "आप अनुच्छेद 25 और अनुच्छेद 19(1)(ए) दोनों पर बहस नहीं कर सकते. जब अदालत ने पूछा कि क्या दोनों परस्पर अनन्य हैं, तो महाधिवक्ता ने कहा कि वे परस्पर विनाशकारी हैं. महाधिवक्ता ने कहा, "किसी भी पोशाक को एक धर्म के लिए आवश्यक घोषित किया जाता है, इसका परिणाम यह होता है कि प्रत्येक व्यक्ति (उस समुदाय में) को इसे स्वीकार करना चाहिए." इस पर चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी ने पूछा, 'मान लीजिए कि अगर कोई इसे आर्टिकल 19(1)(ए) के तहत पहनना चाहता है और आप इसे रोक रहे हैं तो क्या आप उनके मौलिक अधिकार को सीमित नहीं कर रहे हैं ? https://twitter.com/ANI/status/1496071661686501378 एडवोकेट जनरल नवदगी ने कहा, 'देश में हिजाब पर कोई पाबंदी नहीं है. 19(1)(ए ) के तहत हिजाब पहनने का अधिकार 19(2) के तहत उचित प्रतिबंधों के अधीन है. हमारे मामले में, नियम 11 संस्थागत अनुशासन के लिए उचित प्रतिबंध लगाता है.हमारा मामला यह है कि जहां तक वर्तमान मामले का संबंध है, नियम 11 संस्थागत अनुशासन के मामले में उचित प्रतिबंध लगाता है. देश में हिजाब पहनने पर कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन हर संस्थान का आंतरिक नियमन और अनुशासन होता है" उन्होंने कहा कि हर संस्थान में संस्थागत अनुशासन होता है.यह अस्पताल, स्कूल, सैन्य प्रतिष्ठान हो सकते हैं. एजी नवदगी ने कहा, "अनुच्छेद 19 (1) का स्वतंत्र दावा अनुच्छेद 25 के दावे के साथ नहीं जा सकता." वहीं हाई कोर्ट ने डिग्री कॉलेजों में आखिरी आदेश तक हिजाब पर बैन को बरकरार को रखा है. इससे पहले बजरंग दल के युवा कार्यकर्ता हर्षा की हत्या होने के बाद शिवमोगा में धारा 144 लागू है जबकि कई जगह हिंसक झड़प देखने को मिली हैं. अब तक 3 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.