भारत-चीन रिश्तों में सुधार के बीच सद्गुरु मोटरसाइकिल पर निकले कैलाश यात्रा
नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच रिश्तों में सुधार के साथ तिब्बत के रास्ते कैलाश यात्रा का मार्ग दोबारा खोला गया है। पाँच साल बाद भारतीय श्रद्धालु फिर से कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा कर पा रहे हैं।
इसी बीच ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु इस साल की यात्रा पर मोटरसाइकिल से निकले हैं। यह कदम खास इसलिए है क्योंकि उन्होंने पिछले वर्ष दो बड़ी ब्रेन सर्जरी कराई थी। 17 दिनों की इस यात्रा को उन्होंने योग की शक्ति और आत्मबल का उदाहरण बताया।

यात्रा के दौरान सद्गुरु ने कंगना रनौत, आर. माधवन, वरुण चक्रवर्ती और निर्देशक नाग अश्विन जैसे कलाकारों और खिलाड़ियों से बातचीत की। उन्होंने कहा, “आध्यात्मिकता जीवन के अंत में नहीं बल्कि शुरुआती दौर में अपनाई जानी चाहिए। सबसे अच्छी चीजें जीवन में जितनी जल्दी हों उतना बेहतर।”
कंगना रनौत के सवाल पर कि शिव का उनके लिए क्या अर्थ है, सद्गुरु ने जवाब दिया—“मैं उनके कंधों पर बैठता हूँ, इसलिए सब ठीक है।” वहीं आर. माधवन से बातचीत में उन्होंने कैलाश को “दुनिया की सबसे बड़ी रहस्यमयी लाइब्रेरी” बताया।
सद्गुरु ने यह भी कहा कि भौगोलिक रूप से एक जैसे राष्ट्रों को सहयोग करना चाहिए, भले ही वे राजनीतिक रूप से अलग हों।