सलमान ख़ुर्शीद की विवादित किताब में बाबरी विध्वंस का ज़िक्र, बताया उस दिन क्या था संसद का हाल

 
सलमान ख़ुर्शीद की विवादित किताब में बाबरी विध्वंस का ज़िक्र, बताया उस दिन क्या था संसद का हाल

कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान ख़ुर्शीद आजकल विवादो में फँसे हुए है। विवाद का कारण उनकी बुक “सनराइज ओवर अयोध्या” है।6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी ढाँचा ढहाने के अगले दिन हुई कैबिनेट की बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव भी शिरकत करने पहुंचे थे। वहां मौजूद मंत्रियों ने नरसिम्हा राव को बताने की कोशिश की कि वह उनके लिए कैसा महसूस करते हैं|

तो इसके जवाब में राव ने कहा- कृपया आप लोग मुझे अपनी सहानुभूति दें। कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स’में लिखा कि बाबरी मस्जिद का टूटना हम सभी के लिए एक भौचक करने वाली घटना थी। वैसे सलमान ख़ुर्शीद चुनाव के ठीक पहले इस तरह के बयान देते रहते है। साल 2018 जगह अलीगढ़ लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले सलमान ख़ुर्शीद ने यह माना था की कोंग्रेस पार्टी पर मुसलमानो की हत्या के धब्बे है।

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जिसके बाद कोंग्रेस पार्टी बैकफूट पर आ गई थी। कोंग्रेस में ऐसे कई बयानवीर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जो अपने बयानो से पार्टी को मुश्किल में डाल देते है। बाबरी ढाँचा रविवार को तोड़ा गया था। अगले दिन सोमवार 7 दिसंबर को संसद भवन के ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में भीड़ इकट्ठा हुई तो मीटिंग में उदासी छाई हुई थी। वहां मौजूद माधव राव सिंधिया ने पूछा कि आप सभी लोग नरसिम्हा राव के लिए कैसा महसूस करते हैं।

सलमान ख़ुर्शीद की विवादित किताब में बाबरी विध्वंस का ज़िक्र, बताया उस दिन क्या था संसद का हाल
Source-Republic World

तब राव ने यह बात कही। बकौल खुर्शीद, पीएम इस जवाब के बाद बैठक समाप्त हो गई। किताब में लिखा गया है कि छह दिसंबर 1992 को बाबरी ढाँचा ढहाए जाने के समय आंतरिक सुरक्षा के प्रभारी रहे राजेश पायलट उस समय नरसिम्हा राव से मिलने गये थे। उनका मकसद भीड़ को खदेड़ना था। लेकिन उनके विचार पर अमल नहीं हो पाया, क्योंकि राव सो रहे थे।

मस्जिद ढहने के तुरंत बाद देश के कई भागों में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। खुर्शीद ने पुस्तक में कहा है कि बाबरी ढहने से कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया था। 6 दिसंबर की रात को वह खुद कुछ कदम उठाने का अनुरोध करने के लिए राजेश पायलट के पास गए थे। विवादित जगह पर भीड़ बढती जा रही थी। पायलट इस बात पर सहमत हुए कि अगर कुछ मंत्री मिलकर प्रधानमंत्री को तैयार करें तो वह फैजाबाद जाएंगे।

सलमान ख़ुर्शीद अपनी पुस्तक में लिखते है कि मैं सीके जाफर शरीफ के पास गया। उनसे प्रधानमंत्री को कॉल करने को कहा गया। उन्होंने कॉल किया और प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि हम प्रधान सचिव या गृह सचिव के संपर्क में रहें। दोनों के जल्दी ही उत्तर प्रदेश पहुंचने की संभावना थी।

सलमान खुर्शीद ने कहा कि फिर हम यह पूछने के लिए वापस राजेश पायलट के पास पहुंचे कि हमें क्या करना चाहिए। घटना के बाद उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह की सरकार को 6 दिसंबर को ही बर्खास्त कर दिया गया था। उसके एक हफ्ते बाद हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों को भी कैबिनेट की सलाह के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।

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https://youtu.be/z7VcsPDyMEs

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