Sambhal में 33 स्कूलों पर जुर्माना, निजी किताबें थोपने का आरोप

 
Sambhal school fine

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है। डीएम डॉ. राजेन्द्र पैसिया ने 33 प्रमुख प्राइवेट स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कदम छात्रों पर निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें थोपने और उन्हें विशेष दुकानों से किताबें खरीदने के लिए मजबूर करने के कारण उठाया गया।

जांच में हुआ गंभीर उल्लंघन का खुलासा

शिकायतें मिलने के बाद जब एसडीएम डॉ. वंदना मिश्रा और डीआईओएस श्यामा कुमार की टीम ने सेंट मैरी स्कूल पर छापा मारा तो वहां कई राज्यों की निजी किताबें मिलीं। ये किताबें एनसीईआरटी की जगह छात्रों को पढ़ाई जा रही थीं।

इसके बाद जिले की शुल्क नियामक समिति ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी 33 स्कूलों की जांच करवाई। जांच में यह पाया गया कि एनसीईआरटी की अनिवार्यता के बावजूद इन स्कूलों ने नियमों की अनदेखी करते हुए महंगे प्रकाशकों की किताबें लागू की थीं।

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1 लाख का जुर्माना, कड़ी चेतावनी

17 अप्रैल को हुई जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में इस उल्लंघन को गंभीर मानते हुए सभी स्कूलों पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि जुर्माना एक सप्ताह के भीतर समिति के खाते में जमा कर इसकी रसीद जिला विद्यालय निरीक्षक को सौंपी जाए।

डीएम ने आगे स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में फिर से ऐसी शिकायतें मिलती हैं, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अभिभावकों को मिली राहत

डीएम की इस कार्रवाई से अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है, जो निजी स्कूलों द्वारा जबरन महंगी किताबें खरीदवाने से परेशान थे। अब उम्मीद है कि जिले में एनसीईआरटी किताबों को लेकर पारदर्शिता आएगी और छात्रों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।

संभल प्रशासन की यह कार्रवाई शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। यह संदेश भी देता है कि नियमों की अनदेखी करने वाले स्कूलों को अब बख्शा नहीं जाएगा। यदि सभी जिलों में इस तरह की सतर्कता बरती जाए, तो शिक्षा व्यवस्था अधिक न्यायपूर्ण और पारदर्शी बन सकती है।

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