सुप्रीम कोर्ट ने भारत-चीन सीमा भूमि मुआवजा मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक

अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर रक्षा परियोजना के लिए अधिग्रहित 537 एकड़ भूमि से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुआवजा बढ़ाने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक वादी बढ़ी हुई राशि का 10% जमा नहीं करता, तब तक हाईकोर्ट का आदेश प्रभावी नहीं होगा।
यह मामला बेहद संवेदनशील सीमा क्षेत्र से जुड़ा है, जहां केंद्र सरकार ने सुरक्षा कारणों से भूमि अधिग्रहण किया था।
हाईकोर्ट ने बढ़ाया था मुआवजा, केंद्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
मार्च 2025 में गुवाहाटी हाईकोर्ट की ईटानगर पीठ ने एक याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय देते हुए मुआवजा 410 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का आदेश दिया था, जबकि केंद्र सरकार पहले ही 70 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी थी।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि यदि वादी चार सप्ताह में हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में 10% राशि जमा करता है, तभी उच्च न्यायालय का आदेश प्रभावी माना जाएगा। अन्यथा इस आदेश पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।
केंद्र का आरोप: मामला धोखाधड़ी पर आधारित
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह याचिका फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर दायर की गई थी। संबंधित व्यक्ति ने 100 से अधिक लोगों के नाम पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी तैयार कर कोर्ट में दावा दाखिल किया, जबकि मुआवजा पहले ही लाभार्थियों को दिया जा चुका था।
अगली सुनवाई 18 अगस्त को
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 18 अगस्त 2025 की अगली सुनवाई तय की है और तब तक के लिए हाईकोर्ट के अक्तूबर 2024 के फैसले पर भी रोक लगा दी है।