Sharad Yadav Death: MP के इस गांव में जन्मे शरद यादव, जबलपुर से की थी राजनीति की शुरुआत
02:49 PM
Sharad Yadav: पूर्व केंद्रीय मंत्री और JDU (जनता दल) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का आज अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव आंखमऊ (नर्मदापुरम) में होगा। दिल्ली से चार्टर्ड फ्लाइट के जरिए पार्थिव देह को राजाभोज एयरपोर्ट भोपाल लाया गया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने श्रद्धांजलि दी। दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा परिक्रमा की थी, उस वक्त शरद यादव भी उनकी परिक्रमा में शामिल हुए थे। शरद यादव का गुरुवार को 75 साल की उम्र में दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।
तीन राज्यों में राजनीति की, गांव से विशेष लगाव रहा
शरद यादव MP के नर्मदापुरम के माखननगर ब्लॉक के छोटे से गांव आंखमऊ में जन्मे। जबलपुर से राजनीति शुरू की और उत्तर प्रदेश और बिहार में भी काम किया। लेकिन, उनका अपने पैतृक गांव से लगाव उतना ही था। उन्हें जब भी मौका मिलता था वो अपने गांव आते रहते थे। वे यहां किसी सामान्य व्यक्ति की तरह आकर लोगों से मिलते थे।उनके दोस्त कहते हैं कि वे बचपन से ही साहसी और निडर थे। 12 साल की उम्र में उन्होंने गांव के कुएं में कूदकर महिला की जान बचाई थी। उनकी याददाश्त के इतनी पक्की थी कि बचपन के मित्रों को कभी नहीं भूले थे।
शरद जी ने राष्ट्रीय राजनीति की दिशा बदली: सीएम श्री चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, वे अचानक चले गए। मेरे तो वे पड़ोसी थे। मेरा गांव नर्मदा के इस पार था, उनका गांव नर्मदा के उस पार था। बचपन से प्रखर और जुझारू थे। अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले शरद भाई छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय राजनीति में छा गए थे। वे जेपी के आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। वे जेल में रहते हुए चुनाव जीते। भारत की राजनीति पर छा गए। उन्होंने 80-90 के दशक में राष्ट्रीय राजनीति की दशा बदली। मंडल कमीशन लागू कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। समाज के कमजोर और पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उन्होंने अपने जीवन को होम दिया था।