SHO के आरोपों पर हाईकोर्ट सख्त, साकेत कोर्ट से हटाए गए जज कार्तिक टपारिया
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के SHO पंकज कुमार द्वारा लगाए गए संगीन आरोपों के बाद साकेत कोर्ट में कार्यरत जज कार्तिक टपारिया को उनके पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि जज टपारिया ने SHO और अन्य पुलिसकर्मियों से व्यक्तिगत कार्य करवाए, बदसलूकी की और अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया।
क्या हैं SHO के आरोप?
हजरत निजामुद्दीन थाने में तैनात SHO पंकज कुमार ने बताया कि जज टपारिया ने उनसे कई व्यक्तिगत कार्य करवाए। सबसे गंभीर आरोप यह है कि जज ने अपनी शादी के दौरान राजस्थान में SHO समेत थाने के पुलिसकर्मियों को निजी सेवा के लिए भेजा। इसके अलावा, जज पर क्रिकेट किट और जिम की मेंबरशिप के लिए SHO से पैसे दिलवाने का भी आरोप है।
हाईकोर्ट ने की त्वरित कार्रवाई
SHO द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और 15 जुलाई को आदेश पारित करते हुए जज कार्तिक टपारिया को साकेत कोर्ट से हटा दिया। यह निर्णय तब लिया गया जब SHO की डेली डायरी में आरोपों के स्पष्ट विवरण दर्ज पाए गए।
एक साल से चल रही थी 'परेशानी'
SHO का दावा है कि जज द्वारा मानसिक दबाव और काम का गलत इस्तेमाल पिछले एक साल से चल रहा था। चूंकि निजामुद्दीन थाना जज टपारिया के अधीन आता है, SHO का आरोप है कि जज अपने कोर्ट में आने वाले केसों को लेकर दबाव बनाते थे।