SHOPPING DISORDER: ज्यादा शॉपिंग करना डिसऑर्डर हो सकता है, जानिए इसके बारे में
आज के ऑनलाइन दौर में सबकुछ एक क्लिक पर उपलब्ध. चाहे कोई भी चीज है. लेकिन इसका एक नुकसान भी है. हमें स्कॉर्ल करने की इतनी बुरी आदत लग चुकी है कि हम दिन भर अपने स्मॉर्टफोन में लगे रहते हैं और किसी न किसी शॉपिंग वेबसाइट पर कुछ न कुछ देख रहे होते हैं और AD TO CART या BUY करती रहती हैं. इसमें सबसे आगे महिलाएं हैं. कुछ महिलाएं तो रात में भी नींद खुलती है तो कोई शॉपिंग वेबसाइट पर कुछ न कुछ देख रही होती हैं.
अगर आप भी उन महिलाओं में हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि आपकी शॉपिंग की आदत एक डिसऑर्डर भी हो सकती है. कम्पल्सिव बाइंग डिसऑर्डर (Compulsive Buying Disorder CBD) कहते हैं. इस बारे में अब तक कई रिसर्च भी हो चुकी है जिसमें यह बात सामने आ चुकी है कि भले ही कुछ समय के लिए आपको ऐसा महसूस हो कि शॉपिंग करके आपका स्ट्रेस कम हो गया लेकिन लंबे समय में इसके कई नेगेटिव इफेक्ट भी नजर आते हैं जैसे- पैसों से जुड़ी समस्या, ऐंग्जाइटी, निगेटिव इमोशन्स का हावी होना और व्यक्ति का परिवार और दोस्तों से दूर हो जाना.
ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) ने सीबीडी की इस समस्या को और अधिक बढ़ाने का काम किया है. ऑनलाइन शॉपिंग की वजह से आप घर में बैठे-बैठे आराम से सारी चीजें ऑर्डर कर लेते हैं जिससे आपकी शॉपिंग की आदत कब बुरी लत में बदल जाती है, आपको पता भी नहीं चलता.
हालांकि अभी तक शॉपिंग की लत को आधिकारिक रूप से मेंटल डिसऑर्डर नहीं माना गया है, लेकिन यह एक तरह का obsessive-compulsive disorder OCD) ही है.
क्या हैं लक्षण
- अनावश्यक या गैर जरूरी चीजों को भी खरीदने से खुद को न रोक पाना
- बेवजह और अनियंत्रित खरीदारी करने की वजह से पैसों की कमी या वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना
- अनियंत्रित खरीदारी करने की वजह से ऑफिस या घर पर दोस्तों या परिवार वालों के साथ समस्याएं आना
- हर बार क्या नया या क्या अलग खरीदना है इसकी खोज करने में बहुत अधिक और अनावश्यक समय व्यतीत करना
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