कहानी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जाट नेता की
अभी मोदी सरकार के खिलाफ सबसे बुलंद आवाज में जो किसान आंदोलनों के बीच सिरमौर बने हुए हैं वह राकेश टिकट के पिता महेंद्र सिंह टिकेट उत्तर प्रदेश में जाट के सबसे बड़े नेता कहलाते थे।
इससे पहले 80 के दशक में किसान आंदोलन के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश किसान आंदोलनों का केंद्र बना हुआ था। सरकारों की नीतियों के खिलाफ लगातार किसान आंदोलन कर रहे थे। इन आंदोलनों की कमान एक ठेठ बुजुर्ग किसान स्व चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत ने संभाली हुई थी ।
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष स्व महेंद्र सिंह टिकैत को चाहने वाले बाबा टिकैत और महात्मा टिकैत के नाम से भी बुलाते थे ! किसानों की समस्याओ के लिए सदा संघर्षरत टिकैत उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा भारत के किसान संघ के लिए प्रसिद्ध थे।
टिकैत जाटों के रघुवंशी गौत्र से थे लेकिन बालियान खाप में सभी बिरादरियां थीं। टिकैत ने खाप व्यवस्था को मजबूत बनाते हुए ‘जाति’ से अलग हटकर सभी बिरादरी के किसानो के लिए काम करना शुरू किया । 17 अक्टूबर 1986 को किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक गैर राजनीतिक संगठन ‘भारतीय किसान यूनियन’ की स्थापना की।
किसानो के लिए लड़ाई लड़ते हुए अपने पूरे जीवन में टिकेत करीब 20 बार से ज्यादा जेल भी गये ! टिकेत की पंचायतो और संगठन में जाति धर्म लेकर कभी भेदभाव नहीं दिखा ! जाट समाज के साथ ही अन्य कृषक बिरादरी भी उनके साथ उनके समर्थन में होती थी।
15 मई 2011 को 76 वर्ष की उम्र में केंसर के कारण महेंद्र सिंह टिकैत की म्रत्यु हो गयी।