MD ड्रग्स केस में मनोज पाटिल को ज़मानत, गिरफ्तारी को बताया असंवैधानिक

 
MD ड्रग्स केस में मनोज पाटिल को ज़मानत, गिरफ्तारी को बताया असंवैधानिक

ठाणे की विशेष MCOCA कोर्ट ने फरवरी 2024 में गिरफ्तार किए गए मनोज लक्ष्मण पाटिल को ज़मानत दे दी है। पाटिल का नाम मेफेड्रोन (MD ड्रग्स) केस में मुख्य आरोपी के साथ सामने आया था। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि गिरफ्तारी के समय आरोपी को लिखित रूप में कारण बताना अनिवार्य है।

कोर्ट ने कहा कि केवल पुलिस स्टेशन डायरी में एंट्री करना, गिरफ्तारी मेमो पर हस्ताक्षर लेना और रिमांड रिपोर्ट देना CrPC की धारा 50 और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 के तहत जरूरी कानूनी शर्तों को पूरा नहीं करता।

सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट का हवाला

कोर्ट ने महेश पांडुरंग नाइक बनाम महाराष्ट्र सरकार और विहान कुमार बनाम हरियाणा राज्य जैसे मामलों का हवाला देते हुए कहा कि बिना लिखित गिरफ्तारी कारण बताए की गई गिरफ्तारी अवैध मानी जाएगी और ऐसे मामलों में आरोपी को ज़मानत का हक़ है।

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क्या है मामला?

यह केस दिसंबर 2023 का है, जब एंटी-नारकोटिक्स सेल (ANC) ने जयेश उर्फ गोलू को 20-30 ग्राम MD ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया। जांच के दौरान मनोज पाटिल का नाम सामने आया और 7 फरवरी 2024 को उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।

पाटिल की ओर से बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि उन्हें गिरफ्तारी के लिखित कारण नहीं बताए गए, जिससे यह कार्रवाई संवैधानिक रूप से अवैध है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार कर लिया।

अदालत का निष्कर्ष:

विशेष MCOCA अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष संविधान और प्रक्रिया संहिता की शर्तें पूरी करने में असफल रहा। इसलिए गिरफ्तारी अवैध मानी गई और मनोज पाटिल को ज़मानत दी गई।

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